जानवरों के लिए गर्मी हुई जानलेवा, मध्य प्रदेश में बंदरों और चमगादड़ों की मौत
राज्य के बड़े हिस्से में गर्मी इन दिनों चरम पर है, तापमान भी 48 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। दिन में धूप आग बरसाने लगी है। पशु-पक्षियों की जिंदगी भी मुसीबत में पड़ गई है। बीते कई दिनों से गर्म हवाओं और पानी की कमी के कारण बंदरों और चमगादड़ों की मौत की खबरें सामने आई हैं।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित राज्य के अन्य हिस्सों में गर्मी और लू के थपेड़ों से जनजीवन तो बुरी तरह प्रभावित है ही, पशु-पक्षियों की जिंदगी भी मुसीबत में पड़ गई है। बीते कई दिनों से गर्म हवाओं और पानी की कमी के कारण बंदरों और चमगादड़ों की मौत की खबरें सामने आई हैं।
राज्य के बड़े हिस्से में गर्मी इन दिनों चरम पर है, तापमान भी 48 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। दिन में धूप आग बरसाने लगी है। गर्मी के बढ़े असर के चलते शिक्षा विभाग ने सरकारी और निजी स्कूलों की छुट्टी 23 जून तक बढ़ा दी है। पहले छुट्टी 17 जून तक थी।
देवास जिले के पुंजापुरा क्षेत्र के जोशी बाबा के जंगल में शनिवार को 15 बंदरों के शव पाए गए। पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक का कहना है कि बंदरों की मौत का कारण प्रथम दृष्टया गर्मी और हीट स्ट्रोक है।
देवास के वन अधिकारी पी.एन. मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा कि बंदर प्यास से मरे। बंदरों के एक समूह को दूसरे समूह ने पानी स्थल तक जाने नहीं दिया, जिससे यह हादसा हुआ। जहां बंदर मृत मिले, उससे कुछ दूरी पर ही पानी का इंतजाम है। अब उस स्थान पर पानी का इंतजाम किया गया है, जहां बंदरों के शव मिले थे। बंदरों की गतिविधियों पर नाइट विजन कैमरों के जरिए नजर रखी जा रही है।
इससे पहले नरसिंहगढ़ में गर्म हवाओं के कारण बड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत हो गई थी। यहां के परशुराम सागर के जलमंदिर पाथवे के पास स्थित बरगद के पेड़ पर कई वर्षो से चमगादड़ों का डेरा है। यहां की कई चमगादड़ों की गर्मी के कारण मौत हो गई।
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