हाथरस भगदड़: राहुल गांधी के हाथरस दौरे पर स्थानीय लोगों ने जताई खुशी, कहा- ‘किसी ने तो यहां आने की जहमत उठाई’

विभव नगर इलाके में एक पार्क के बाहर बैठे 26 वर्षीय विनीत कुमार ने कहा ‘‘अच्छा है कि किसी ने तो यहां आने की जहमत उठाई।’’ महेन्द्र ने कहा कि लोग राहुल गांधी को देखने के लिए उत्साहित थे।

फोटो: PTI
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के हाथरस में दो जुलाई को मची भगदड़ में मारे गये लोगों के परिवारों से मिलने के लिए पहुंचे, जिन्हें देखकर विभव नगर इलाके में एक पार्क के बाहर बैठे 26 वर्षीय विनीत कुमार ने कहा ‘‘अच्छा है कि किसी ने तो यहां आने की जहमत उठाई।’’

कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) परीक्षा की तैयारी कर रहे कुमार ही सिर्फ ऐसा नहीं सोचते बल्कि कई युवाओं के दिलों में इस बात की टीस है। शुभम भारती ने कहा, “अगर उनके यहां आने के की वजह पीड़ितों से मिलना है तो भी ठीक ही है। कम से कम कोई लोकप्रिय राजनीतिज्ञ तो विभव नगर में आया।”

महेन्द्र ने कहा कि लोग राहुल गांधी को देखने के लिए उत्साहित थे। सरकार नौकरी की तैयारी में जुटे महेन्द्र ने कहा, “हम भी वहां जाना चाहते थे लेकिन विभव नगर के आस-पास सुबह ही बैरीकेड लगा दिये गये।”

राहुल गांधी के दौरे से पहले इलाके के चारों ओर बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया था और शहर के प्रमुख मार्गों पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे।

विभव नगर में सभा स्थल ग्रीन पार्क की ओर जाने वाली सड़क पर हर कुछ मीटर पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे और कारों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए अवरोधक लगाए गए थे जबकि मार्ग पर स्थित दुकानें राहुल के इलाके से जाने तक बंद रहीं। लोग अपने घरों की छतों पर चढ़ गये थे और उनके साथ-साथ सुरक्षाकर्मी भी वहां मौजूद थे।

नवीपुर इलाके में रहने वाले दिहाड़ी मजदूर दयाराम ने कहा कि सड़क बंद होने के कारण वह काम पर नहीं जा सके। दयाराम ने कहा, “मैं लेबर चौक जाने के लिए विभव नगर से होकर जाता हूं। लेकिन आज इन सब के कारण मैं समय पर वहां नहीं पहुंच सका।”

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को हाथरस में मची भगदड़ के दौरान मारे गये लोगों के परिवारों से मुलाकात की। हादसे में 121 लोगों की जान चली गई थी। उन्होंने इलाके के पार्क में परिवारों से बातचीत की और 30 मिनट बाद वहां से चले गए। राहुल गांधी ने दौरे के दौरान कहा कि प्रशासन की ओर से चूक और गलतियां हुईं, जिनकी पहचान की जानी चाहिए।

उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मृतकों के परिवारों को बिना किसी देरी के अधिकतम मुआवजा देने का आग्रह किया।

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