क्या कोरोना वैक्सीन के चलते युवाओं में बढ़ा मौत का खतरा? ICMR की स्टडी में खुलासा
विश्लेषण में कम से कम 729 मामले और 2,916 नियंत्रण शामिल किए गए।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा मंगलवार को किए गए अध्ययन के निष्कर्ष के अनुसार, कोविड-19 टीकाकरण से भारत में युवा वयस्कों में अचानक होने वाली अज्ञात मौतों का खतरा नहीं बढ़ता है।
इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित शोध से पता चला है कि लाइफस्टाइल फैक्टर्स जैसे वर्तमान धूम्रपान की स्थिति, अत्यधिक शराब पीना, ड्रग्स/नशीले पदार्थों का सेवन आदि अचानक होने वाली अज्ञात मौतों से जुड़े हैं।
अन्य चीजों की तुलना में, शराब के सेवन की आवृत्ति जितनी अधिक होगी, अचानक होने वाली अज्ञात मौत की संभावना उतनी ही अधिक होगी। अनुसंधान निकाय ने भारत के स्पष्ट रूप से स्वस्थ युवा वयस्कों में अचानक होने वाली अज्ञात मौतों की वास्तविक रिपोर्टों को देखते हुए एक अध्ययन किया, जो कि कोविड -19 संक्रमण या टीकाकरण से जुड़ा हुआ है।
शोधकर्ताओं ने पूरे भारत में 47 तृतीयक देखभाल अस्पतालों से 18-45 वर्ष की आयु के व्यक्तियों में ऐसी मौतों से जुड़े कारकों का विश्लेषण किया। विश्लेषण में कम से कम 729 मामले और 2,916 नियंत्रण शामिल किए गए।
शोधकर्ताओं ने खुलासा किया, "कोविड-19 टीकाकरण से भारत में युवा वयस्कों में अचानक होने वाली अज्ञात मौतों का खतरा नहीं बढ़ा।"
पिछले कोविड-19 अस्पताल में भर्ती होने के बजाय पारिवारिक इतिहास और कुछ जीवनशैली व्यवहारों ने अचानक होने वाली अज्ञात मौतों की संभावना को बढ़ा दिया है।
अध्ययन से यह भी पता चला है कि कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लेने से अचानक होने वाली अज्ञात मौत की संभावना कम हो जाती है।
शोधकर्ताओं ने कहा, ''हमारे निष्कर्षों ने कोविड-19 टीकाकरण के साथ अचानक होने वाली अज्ञात मौत के संबंध में किसी भी सबूत का संकेत नहीं मिला। ब्लकि वर्तमान अध्ययन दस्तावेज बताते है कि कोविड-19 टीकाकरण ने वास्तव में इस आयु वर्ग में मृत्यु के जोखिम को कम कर दिया है।"
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