हत्या के दोनों मामलों में रामपाल दोषी करार, छावनी में तब्दील हुआ हिसार
सतलोक आश्रम प्रकरण में संत रामपाल को हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया। इस दौरान सेंट्रल जेल में ही कोर्ट बनाया गया और अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश डी आर चालिया मामले की सुनवाई की।
हरियाणा में हिसार के सतलोक आश्रम मामले में जेल में बंद बाबा रामपाल के खिलाफ गुरुवार को फैसला आ गया है। कोर्ट ने हत्या के दो मामलों में संत रामपाल दोषी करार दिया है। सुनवाई के दौरान सेंट्रल जेल में ही कोर्ट बनाया गया। दरअसल, रामपाल के समर्थकों द्वारा उपद्रव होने की आशंका के मद्देनजर जेल के ही अंदर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए रामपाल की पेशी हुई।
इस फैसले के मद्देनजर पूरे हिसार में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। बुधवार को ही जिले में धारा-144 लगा दी गई। साथ ही यहां की सभी सीमाएं सील कर दी गई थीं। करीब 2000 सुरक्षा बलों की नियुक्ति की गई। कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और रामपाल के समर्थकों की भीड़ का हिसार शहर में प्रवेश रोकने के लिए 48 पुलिस नाके लगाए गए। शहर में कई जगह रूट डायवर्जन भी हुआ। रेवाड़ी से हिसार आने वाली सभी ट्रेनें रोकी गईं। किसी भी तरह की आशंका को देखते हुए गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट से तीन किमी का सुरक्षा घेरा बनाया गया। इस सुरक्षा घेरे में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर पूर्ण रूप से पाबंदी रही।
दरअसल गुरमीत राम रहीम मामले की सुनवाई के दौरान उनके समर्थकों ने पंचकुला में बड़े पैमाने पर हिंसा की थी। इसको देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही एहतियात बरत रहा है। प्रशासन को अंदेशा था कि सुनवाई के दौरान रामपाल के 10 से 20 हजार श्रद्धालु कोर्ट परिसर, सेंट्रल जेल, लघु सचिवालय, टाउन पार्क और रेलवे जैसी जगहों पर इकट्ठा हो सकते हैं।
बता दें कि 18 नवंबर 2014 को सतलोक आश्रम में हुए हंगामे में एक बच्चे और 5 महिलाओं की मौत हो गई थी। इस केस में रामपाल और उनके अन्य 14 साथियों को आरोपी बनाया गया था।
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