हरियाणाः बीजेपी के दोबारा सत्ता में आते ही राम रहीम के दिन फिरे, हनीप्रीत से मिलाने के पक्ष में खट्टर सरकार
अधिकारियों का साफ कहना है कि राम रहीम और हनीप्रीत की मुलाकात से राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। पुलिस ने जेल अधिकारियों को सौंपी अपनी रपट में भी इस मुलाकात का समर्थन नहीं किया है। इसके बावजूद राज्य के मंत्री मुलाकात के पक्ष में हैं।
हरियाणा में दोबारा सत्ता में लौटी बीजेपी की नई-नवेली सरकार में रेप और हत्या के मामलों में दोषी बाबा राम रहीम के दिन फिरते नजर आ रहे हैं। सीएम मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार राम रहीम के प्रति ना सिर्फ नरम नजर आ रही है, बल्कि पूरी तरह से पक्ष में नजर आ रही है। बीजेपी सरकार के कई मंत्री, यहां तक की राज्य के गृह मंत्री तक खुलकर राम रहीम के पक्ष में नजर आ रहे हैं।
दरअसल बीजेपी सरकार जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से खुद को उनकी दत्तक पुत्री बताने वाली पंचकूला हिंसा की आरोपी हनीप्रीत इंसा की मुलाकात करवाने के पक्ष में उतर आई है। इसकी बानगी तब देखने को मिली जब बीते दिनों इसका संकेत देते हुए हरियाणा के एक मंत्री ने कहा कि राम रहीम से मुलाकात करना हनीप्रीत का अधिकार है।
इतना ही नहीं, इसके बाद सोमवार को राज्य के गृह मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता अनिल विज भी हनीप्रीत की मांग के समर्थन में उतर आए और जोर देकर कहा कि “सभी को दोषियों से मुलाकात करने का बराबर अधिकार है और कानून किसी को इससे नहीं रोकता।" इसके साथ ही विज ने कहा, "राम रहीम से मुलाकात को लेकर हनीप्रीत के आवेदन पर सरकार कानूनी सलाह ले रही है और अगर कोई समस्या नहीं है तो वह राम रहीम से मुलाकात कर सकती हैं। लेकिन अब तक इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।"
दूसरी तरफ, अधिकारियों का साफतौर पर कहना है कि राम रहीम और हनीप्रीत के बीच मुलाकात से राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। पुलिस ने जेल अधिकारियों को सौंपी गई अपनी रपट में भी मुलाकात का समर्थन नहीं किया है। हालांकि पंचकूला की एक अदालत ने हनीप्रीत इंसा को हिंसा के मामले में जमानत दे दी है। इससे पहले, निचली अदालत ने हनीप्रीत और 35 अन्य आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का आरोप हटा दिया था। फिलहाल वह आश्रम के मुख्यालय में रह रही है।
बता दें कि स्वंयभू बाबा राम रहीम का क्षेत्र में अच्छा-खासा प्रभाव है और बड़ी संख्या में लोग उसका अनुसरण करते हैं। इससे पहले उसने अपने आश्रम के मुख्यालय में खेतों की देखभाल के लिए 42 दिनों की पैरोल की मांग की थी, लेकिन उसकी रिहाई से उत्पन्न होने वाली कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए उसे पैरोल नहीं दी गई थी।
गौरतलब है कि राम रहीम को अगस्त 2017 में दो महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने के मामले में 20 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या मामले में भी इस साल जनवरी में पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने राम रहीम और तीन अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। फिलहाल 51 वर्षीय राम रहीम रोहतक की उच्च सुरक्षा वाली सुनारिया जेल में बंद है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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