हरियाणा चुनाव: BJP ने चुनाव जीतने के लिए सब कुछ ताक पर रखा, जमकर बांटे दल बदलुओं को टिकट, खोला वंशवाद का नया चैप्टर

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने अपने ही बनाए सारे नियमों की बखिया उधेड़ कर रख दी। चुनावी मशीन बन चुकी बीजेपी की सारी नैतिकताएं और उसूल धरे रह गए। बीजेपी ने यह सब किया महज विधानसभा चुनाव में किसी भी तरह जीत हासिल करने के लिए।

फोटो: सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा में नामांकन की अंतिम तारीख 12 सितंबर गुजरने के साथ चुनावी तस्वीर साफ होती दिख रही है। अब तक भारतीय जनता पार्टी का लिया हर फैसला इस बात की तस्दीक कर रहा है कि वह खुद मान रही है कि विधानसभा चुनाव में इस बार हालात उसके लिए माकूल नहीं हैं। टिकट वितरण में उसने हर वह मानदंड तोड़ दिया, जिनकी दुहाई पूरे देश में उसके नेता देते घूमते हैं। टिकट के लिए 75 साल उम्र की सीमा बता कर लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे अपने दिग्गजों को किनारे लगाने वाली बीजेी हरियाणा में इसे भी भूल गई। दुनिया में सबसे मजबूती पार्टी कॉडर के दावे की धज्जियां उस वक्त उड़ गईं जब दल बदलुओं को जमकर टिकट बांटे गए। परिवारवाद के नाम पर समूचे विपक्ष को पानी पी-पीकर कोसने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी ने हरियाणा में वंशवाद का तो पूरा एक नया चैप्टर ही खोल दिया। मानो यही काफी नहीं था। एक ऐसे व्यक्ति को बीजेपी ने टिकट दे दिया, जिसने पीएम मोदी को सबसे निकम्मा प्रधानमंत्री कहा था। पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के साथ जब उसकी तस्वीर वायरल होने लगी तब बीजेपी ने उसका टिकट वापस लिया, लेकिन तब तक बीजेपी के राष्ट्रवाद की भी कलई खुल चुकी थी।

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने अपने ही बनाए सारे नियमों की बखिया उधेड़ कर रख दी। चुनावी मशीन बन चुकी बीजेपी की सारी नैतिकताएं और उसूल धरे रह गए। बीजेपी ने यह सब किया महज विधानसभा चुनाव में किसी भी तरह जीत हासिल करने के लिए। टिकट के लिए 75 साल की अधिकतम उम्र का पैमाना तय कर अपने ही दिग्गजों को किनारे लगाने वाली बीजेपी ने जींद जिले की सफीदों विधानसभा सीट से 78 साल के रामकुमार गौतम और पंचकूला से 76 साल के ज्ञान चंद गुप्ता को टिकट थमा दिया। दुनिया की सबसे मजबूत कॉडर वाली पार्टी का दावा भी उस वक्त धरा रह गया जब जमकर दलबदलुओं को टिकट बांटे गए। मुश्किल वक्त में भी पार्टी का झंडा थामने वाले रोते-बिलखते और पार्टी निष्ठा की दुहाई देते रह गए। कांग्रेस छोड़कर आई पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को तोशाम से, कांग्रेस से ही चंद समय पहले आए सोनीपत के मेयर निखिल मदान को सोनीपत से, जन नायक जनता पार्टी (जेजेपी) से आए देवेंद्र बबली को टोहाना से, अनुप धानक को उकलाना से, रामकुमार गौतम को सफीदों से, पवन कुमार को खरखौदा से और जेजेपी से ही आए संजय कबलाना को बेरी से, पूर्व केंद्रीय मंत्री बिनोद शर्मा की पत्नी और अंबाला सिटी की मेयर हरियाणा जन चेतना पार्टी की शक्ति रानी शर्मा को कालका से और इनेलो से आए श्याम सिंह राणा को रादौर से प्रत्याशी बनाया है। 10 बदलुओं को भीजेपी ने टिकट दिया है। इनमें से कुछ तो ऐसे हैं, जिन्हें पार्टी ज्वाइन करते ही टिकट थमा दिया।


देश में पंचायत से लेकर संसद तक के चुनाव में परिवारवाद के नाम पर समूचे विपक्ष को कोसने वाली बीजेपी ने हरियाणा में वंशवाद का पूरा एक नया चैप्टर ही खोल दिया है। यह तब किया गया है जब लाल किले की प्राचीर से पीएम नरेंद्र मोदी तक परिवारवाद को देश के विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा बता चुके हैं। तकरीबन दर्जन भर उम्मीदवार बीजेपी ने राजनीतिक परिवारों से उतारे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को आदमपुर से, पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की बहू किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को तोशाम से, केंद्रीय मंत्री राव इंद्र जीत की बेटी आरती राव को अटेली से, करतार भड़ाना के बेटे मनमोहन भड़ाना को समालखा से, रेप और हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम को 6 बार पैरोल और फरलो देने वाले पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे पूर्व जेलर सुनील सांगवान को दादरी से, पूर्व विधायक सूरज पाल सिंह के बेटे संजय सिंह को नूंह से, पूर्व सांसद किशन सिंह सांगवान के बेटे प्रदीप सांगवान को बरौदा से, पूर्व सांसद रमेश कौशिक के भाई देवेंद्र कौशिक को गन्नौर से, पूर्व विधायक राम रतन के बेटे हरिंदर सिंह को होडल से टिकट दिया है। इसके अलावा हरियाणा सरकार में मंत्री मूल चंद शर्मा के रिश्ते में समधी लगते जय भगवान शर्मा (डीडी) को पिहोवा से और पूर्व विधायक नरेश कौशिक के भाई दिनेश कौशिक को बहादुर गढ़ से टिकट दिया है। हालांकि, दिनेश कौशिक को टिकट देने के बाद परिवार में ही बटवारा हो गया है। नरेश कौशिक ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वतर्मान में बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धनखड़ पर इशारों में परिवार में फूट डालने का आरोप लगाया है। धनखड़ अभी बादली से बीजेपी के प्रत्याशी हैं। नरेश कौशिक समथर्कों के बीच फूट-फूटकर रोए भी।

यही नहीं ब्लॉक से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अनेकों बार मंथन के बाद टिकट बांटने वाली बीजेपी ने एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया, जो 24 सेकेंड के वायरल वीडियो में पीएम नरेंद्र मोदी को सबसे निकम्मा प्रधानमंत्री कह रहा है। ये व्यक्ति हैं पिहोवा से टिकट पाने वाले कवलजीत सिंह अजराना। वायरल वीडियो में अजराना ने पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में कहा कि लगता था कि ये बंदा कुछ न कुछ करेगा। उनकी बातों और लच्छेदार भाषण में आकर हमने उन्हें देश का प्रधानमंत्री बना दिया। लेकिन दुख की बात है कि आज तक जितने प्रधानमंत्री हुए हैं, सबसे निकम्मा कोई प्रधानमंत्री है तो वह नरेंद्र मोदी है। यही नहीं सोशल मीडिया पर अजराना की पाकिस्तानी आर्मी अधिकारियों के साथ फोटो वायरल हो गईं। इनमें वह पाकिस्तानी अधिकारी के हाथों मिठाई भी खा रहे हैं और आर्मी के साथ ग्रुप फोटो खिंचवा रहे हैं। अजराना की ये तस्वीरें सामने आने के बाद बीजेपी में घमासान मच गया। लिहाजा, अजराना से टिकट वापस लेकर थानेसर से टिकट के दावेदार रहे जय भगवान शर्मा (डीडी) को देना पड़ा, लेकिन तब तक बीजेपी के राष्ट्रवाद पर डेंट लग चुका था। टिकट वितरण में आरएसएस के ग्राउंड फीडबैक और तमाम बैठकों में महीनों मंथन करने के बाद भी अजराना को टिकट मिल जाना किसी के गले नहीं उतर रहा है। पिहोवा सीट से जूनियर महिला कोच के यौन उत्पीड़न के आरोपी पूर्व मंत्री संदीप सिंह का टिकट काटकर अजराना को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया था। हरियाणा में लोग इस पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं कि चुनाव जीतने के लिए इस तरह किसी भी हद तक जाना भविष्य की सियासत के लिए कतई ठीक नहीं है।

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