दो साल बाद हज यात्रा फिर से शुरू, लखनऊ से 377 यात्रियों के साथ सऊदी अरब के लिए पहली उड़ान रवाना
केंद्र द्वारा हज सब्सिडी रद्द करने के कारण हज शुल्क में इस बार 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साल 2018 में लखनऊ और वाराणसी से 2.36 लाख से 2.73 लाख रुपये शुल्क के मुकाबले इस साल उत्तर प्रदेश से हज यात्रा के लिए करीब 4 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है।
दो साल के अंतराल के बाद हज यात्रा फिर से शुरू हो गई है। भारत से करीब 377 हज यात्रियों को लेकर पहली उड़ान सऊदी अरब जाने के लिए सोमवार को लखनऊ से रवाना हुई। 15 जून तक चलने वाली 13 उड़ानों में उत्तर प्रदेश से हज 2022 के लिए कुल 7,500 यात्रियों को भेजा जाएगा।
उत्तर प्रदेश हज समिति के सचिव एस.पी. तिवारी ने कहा, "284 हज यात्रियों के साथ पहली उड़ान सोमवार को सुबह आठ बजे रवाना हुई और दिन की दूसरी उड़ान शेष 93 यात्रियों को लेकर उड़ान भरेगी।" तिवारी ने कहा, "कुल 7,500 लोगों को यूपी से भेजा जाएगा, जिनमें से 4,500 लखनऊ से रवाना होंगे। दिल्ली के करीब पश्चिमी और यूपी के अन्य हिस्सों के बाकी तीर्थयात्री राजधानी से रवाना होंगे।"
केंद्र सरकार द्वारा हज सब्सिडी को रद्द करने के साथ, हज शुल्क में 200 प्रतिशत की वृद्धि भी हुई है जो तीर्थयात्रियों को चुकानी पड़ी है। 2018 में लखनऊ और वाराणसी के लदान बिंदु के आधार पर लगभग 2.36 लाख से 2.73 लाख रुपये की राशि के मुकाबले, इस वर्ष तीर्थयात्रियों को उत्तर प्रदेश से तीर्थ यात्रा पर एक सीट हासिल करने के लिए लगभग 4 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा है।
चूंकि सऊदी अरब सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए कोविड वैक्सीन की दोनों खुराक अनिवार्य कर दी है और यात्रा से पूर्व 72 घंटे के अंदर का आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट, बोर्डिग के समय प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है।
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