ज्ञानवापी केसः सुप्रीम कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को नोटिस जारी किया, तहखाने में पूजा पर रोक से इनकार
शीर्ष कोर्ट ज्ञानवापी मसाजिद इंतजामिया कमेटी की नई याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने की अनुमति देने के अधीनस्थ अदालत के फैसले को बरकरार रखा गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में हिंदू पक्ष के पूजा करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और मसाजिद इंतजामिया कमेटी की याचिका पर काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। साथ ही शीर्ष अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में नमाज अदा करने को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
उच्चतम न्यायालय ज्ञानवापी मसाजिद इंतजामिया कमेटी की नयी याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने की अनुमति देने संबंधी अधीनस्थ अदालत के फैसले को बरकरार रखा गया था।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने पुजारी शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास से भी मसाजिद कमेटी की याचिका पर 30 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है। शीर्ष अदालत की पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं, जो वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली मसाजिद इंतजामिया कमेटी की याचिका पर सुनवाई कर रही है।
उच्च न्यायालय ने 26 फरवरी को कमेटी की उस अर्जी को खारिज कर दिया था जिसमें 31 जनवरी को जिला अदालत द्वारा तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा-पाठ करने की अनुमति दिए जाने का विरोध किया गया था। उच्च न्यायालय ने मसाजिद इंतजामिया कमेटी की याचिका को खारिज करते हुए टिप्पणी की कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 1993 में ‘व्यास जी के तहखाने’ में पूजा रोकने का फैसला किया था। अदालत ने कहा कि ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में पूजा पर रोक का फैसला ‘अवैध’ था।
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