हरियाणा के लाडवा से ग्राउंड रिपोर्ट: बिरादरी की बहुतायत वाली सीट से उतरने पर भी हिचकोले खा रही CM सैनी की नाव!

सैनी समाज की बहुतायत के चलते BJP ने कार्यवाहक सीएम नायब सिंह सैनी को लाडवा से उतारने का फैसला लिया। सैनी इससे पहले पंजाबी बहुल सीट करनाल से विधायक थे।

फोटो: सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के लिए बड़ी जद्दोजहद कर भारतीय जनता पार्टी की ओर से तलाशी गई सबसे सुरक्षित सीट कुरुक्षेत्र जिले के लाडवा विधानसभा क्षेत्र में भी प्रदेश के मुखिया की नाव दरिया में बुरी तरह हिचकोले खा रही है। यह सीट सीएम के लिए महज इसलिए चुनी गई, क्योंकि यहां उनकी सैनी बिरादरी के वोट सबसे अधिक हैं। BJP के सीएम फेस घोषित हो चुके नायब सिंह सैनी के जीतने पर लाडवा के सीएम सिटी बनने के सपने भी दिखाए जा रहे हैं। लेकिन हरियाणा में बहती दिख रही बदलाव की बयार में सैनी बिरादरी के वह लोग भी बहते दिख रहे हैं, जो सिर्फ जाति का होने के नाते वोट देना चाहते हैं। सिर्फ यही नहीं, सवाल कुछ और भी हैं, जो गहरे भी हैं। गंभीर भी हैं।

दुनिया को गीता का ज्ञान देने वाली धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से तकरीबन 18 किलोमीटर दूर लाडवा के मतदाताओं को विस चुनाव ने उनके साथ पिछले 10 साल की BJP सरकार में हुई नाइंसाफी पर सवाल पूछने का अवसर दे दिया है। लाडवा के मतदाता न सिर्फ सीएम फेस घोषित हो चुके नायब सिंह सैनी से सवाल पूछ रहे हैं बल्कि BJP की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहे हैं। लाडवा मुख्य बाजार में तकरीबन 65 साल पुरानी पंजाबी जूतियों की दुकान चला रहे युवा दीपक कहते हैं कि उनके पिता पिछले 40 साल से BJP के पित्र संगठन आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) में हैं। वह उस वक्त से आरएसएस में हैं जब लाडवा में महज 4 लोग आरएसएस में हुआ करते थे।

धीरेंद्र अवस्थी
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दीपक कहते हैं कि BJP ने हिंदू-मुसलमान के अलावा कुछ नहीं किया। बावजूद, इसके हिंदुओं के लिए भी उसने कुछ नहीं किया। हरियाणा में मेवात के दंगों से लेकर पश्चिम बंगाल तक घटनाओं का वह अपनी बात के समर्थन में उल्लेख करते हैं। वह कहते हैं हमारे पिता आज भी आरएसएस में हैं, लेकिन BJP की कायर्प्रणाली से वह सहमत नहीं हैं। फिर वह अपने धंधे की हालात पर आते हैं। दीपक कहते हैं कि बिजनेस पूरी तरह खत्म हो गया। 60 प्रतिशत बिजनेस ऑनलाइन ने खत्म कर दिया और बचा 40 प्रतिशत सरकार के टैक्सों ने खत्म कर दिया। वह कहते हैं कि BJP के 2014 से 2019 तक लाडवा से विधायक रहे पवन सैनी न कभी यहां दिखे और न 2019 में कुरुक्षेत्र से सासंद चुने गए वर्तमान BJP प्रत्याशी नायब सिंह सैनी यहां कभी दिखे।

लाडवा कुरुक्षेत्र संसदीय सीट का ही हिस्सा है। पवन सैनी को इस बार BJP ने बगल की सीट नारायण गढ़ से उतारा है, जो पहले नायब सिंह सैनी का क्षेत्र हुआ करता था। भ्रष्टाचार की हालत बयां करते हुए दीपक कहते हैं कि जो काम पहले 2000 की रिश्वत देकर हो जाता था वह अब 20,000 की रिश्वत लेकर भी कोई सरकारी कर्मचारी करने के लिए राजी नहीं है। रिश्वत के बिना तो कोई काम करवाना ही नामुमकिन है। खुद अपना उदाहरण देते हुए दीपक बताते हैं कि एक एनओसी लेने के लिए पहले 8000 रिश्वत दी और फिर 8000 दोबारा रिश्वत दी, लेकिन उसके बाद भी काम नहीं हुआ। नौकरी है नहीं। युवा डंकी रूट से विदेश जा रहे हैं। नशे की हालत पर दीपक कहते हैं शाम होते ही लाडवा में युवा सामान्य रूप से नशा करते हुए दिख जाएंगे।

धीरेंद्र अवस्थी
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लाडवा मुख्य बाजार में ही 1945 से चल रही एक दुकान के मालिक अनिल कुमार कहते हैं कि लोग इस चुनाव में बदलाव चाहते हैं। साढ़े चार साल नायब सिंह सैनी सांसद रहे,लेकिन लाडवा में एक ईंट नहीं लगाई। करीब 70 साल पुराने शू स्टोर के मालिक प्रवीण लाडवा में कांटे की टक्कर की बात करते हैं, लेकिन इस बात पर उनकी चिंता भी दिखी कि यदि नायब सिंह सैनी जीत गए और हरियाणा में BJP की सरकार नहीं बनी तो लाडवा फिर खाली हाथ रह जाएगा। कांग्रेस के वर्तमान प्रत्याशी मेवा सिंह ही 2019 में यहां से विधायक चुने गए थे। लोग मानते हैं कि कांग्रेस के पिछले 5 साल विपक्ष में होने के कारण BJP सरकार ने यहां कोई काम नहीं होने दिया। फिर विपक्ष का विधायक होने पर यही हश्र होने की आशंका है। प्रवीण लाडवा में कोई उद्योग न होना और रेलवे लाइन को बड़ा मुद्दा मानते हैं। लाडवा मुख्य बाजार में जनरल स्टोर चला रहे राजेंद्र कहते हैं कि 20-30 प्रतिशत धंधा केंद्र सरकार के जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) ने खत्म कर दिया। महंगाई की वजह भी वह केंद्र की BJP सरकार के टैक्सों को ही मानते हैं।

इस बार बदलाव की बात करते हुए राजेंद्र कहते हैं कि सरकार अगर तानाशाह हो जाए तो उसे बदल देना चाहिए। पंजाबी समाज से आते सब्जी विक्रेता टीटू कहते हैं कि व्यापारी टैक्स के चलते इस सरकार से बहुत परेशान है। पंजाबी समाज के BJP समर्थक होने के सवाल पर वह कहते हैं कि इस बार ऐसा नहीं होगा। कार्यवाहक सीएम नायब सिंह सैनी की बिरादरी से आते सब्जी विक्रेता संजय सैनी कहते हैं कि गांवों में इस बार माहौल अलग है। गांवों में लोग कांग्रेस की बात कर रहे हैं, जबकि शहरों में BJP को वोट मिलेगा। इस बार बदलाव की हवा में यदि लाडवा में ऐसा विधायक बना, जिसे अगले 5 साल विपक्ष में बैठना पड़े तो लाडवा के लिए इसे वह ठीक नहीं मानते। लाडवा विस में आते बाबैन कस्बे में करियाना स्टोर चला रहे प्रेम गर्ग कहते हैं कि सीएम के लिए यह सीट बेहद मुश्किल बन गई है।

धीरेंद्र अवस्थी
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बाबैन में ही मेडिकल स्टोर चला रहे युवा अर्श कहते हैं कि युवाओं में नौकरी न मिलना व हरियाणा में बार-बार पेपर लीक होना बड़ा मुद्दा है। इसके आगे अर्श बड़ी दिलचस्प बात कहते हैं। वह कहते हैं कि युवाओं में इस वजह से BJP को लेकर भारी नाराजगी है, लेकिन वह सैनी बिरादरी से होने के कारण वोट BJP को देंगे। नुआसरी गांव के किसान बलदेव सिंह कहते हैं कि जमींदार (किसान) BJP से बेहद नाराज है। दिल्ली की सीमाओं पर हुए किसान आंदोलन में भी बलदेव सिंह गए थे। बलदेव सिंह कहते हैं कि गांवों में BJP को समर्थन मिलना मुश्किल है। यह तथ्य है कि इस क्षेत्र में किसान आंदोलन का बड़ा प्रभाव है।

कांग्रेस प्रत्याशी मेवा सिंह के लाडवा स्थित मुख्य कार्यालय की व्यवस्था संभाल रहे विजय अत्री दावा करते हैं कि 36 बिरादरी का समर्थन उन्हें मिल रहा है। इसके समर्थन में वह कहते हैं कि मैं ब्राम्हण हूं और मुख्य कार्यालय की व्यवस्था देख रहा हूं। लाडवा के बड़े मुद्दे बताते हुए वह कहते हैं कि तहसील व मार्केट कमेटी का भ्रष्टाचार, एमपी के तौर पर साढ़े चार साल नायब सिंह सैनी का यहां न आना, सीएम के तौर पर भी उनका कभी लाडवा न आना, गर्ल्स कॉलेज, लाखों की लागत से बने स्टेडियम का डंप यार्ड में तब्दील हो जाना व लाडवा बाईपास की मांग यहां के बड़े मुद्दे हैं।

धीरेंद्र अवस्थी
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लाडवा के समीकरण

कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा विधानसभा साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। पहले लाडवा थानेसर हलके में आता था। इस सीट पर अभी तक 3 चुनाव हुए हैं। 2019 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले मेवा सिंह को कांग्रेस ने दोबारा उम्मीदवार बनाया है। इनेलो-बसपा से सपना बड़शामी, आम आदमी पार्टी से जोगा सिंह और जजपा-आसपा गठबंधन से विनोद शर्मा उम्मीदवार हैं। करीब 98 गांवों के इस हलके में 1 लाख 96 हजार मतदाता हैं।

इनमें सबसे ज्यादा करीब 20 फीसदी सैनी, 18 फीसदी जाट, 10 फीसदी ब्राह्मण, छह फीसदी कश्यप समाज के वोट माने जाते हैं। 2009 में यहां इनेलो के शेर सिंह बड़शामी से कांग्रेस की कैलाशो सैनी महज 2505 वोट से हारी थीं। इसके बाद 2014 के चुनाव में BJP के पवन सैनी इनेलो की बचन कौर बड़शामी से 2992 वोट से जीते। 2019 के चुनाव में कांग्रेस के मेवा सिंह ने BJP के पवन सैनी को 12637 वोट से हरा दिया। तीनो चुनाव में कांग्रेस के मेवा सिंह की यह सबसे बड़ी जीत थी।

नायब सिंह सैनी की यहां भी मुश्किलें

सैनी समाज की बहुतायत के चलते BJP ने कार्यवाहक सीएम नायब सिंह सैनी को लाडवा से उतारने का फैसला लिया। सैनी इससे पहले पंजाबी बहुल सीट करनाल से विधायक थे। 2019 में वह कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए थे। 2014 में नारायण गढ़ से विधायक बन कर राज्य सरकार में मंत्री बने थे। नायब सिंह के सामने BJP के बागी संदीप गर्ग भी मुश्किल बने हुए हैं। संदीप गर्ग लोस चुनाव में भी कुरुक्षेत्र से BJP टिकट के दावेदार थे। अब वह लाडवा से विस का टिकट मांग रहे थे। जब टिकट नहीं मिला तो बागी हो गए। लाडवा में उनकी अहमियत के चलते ही संदीप गर्ग को खुद सीएम नायब सैनी मनाने के लिए उनके निवास पर भी पहुंचे थे, लेकिन वह नहीं माने।

संदीप गर्ग वैश्य बिरादरी से आते हैं, जो BJP का कोर वोटर माना जाता है। इस सीट पर करीब 12 हजार वोट इस समाज के हैं। संदीप गर्ग समाज सेवा के क्षेत्र में काफी काम करते हैं। वह लाडवा में अन्नपूर्णा रसोई चलाते हैं, जहां 5 रुपए में भरपेट खाना मिलता है। बाबैन में रसोई में काम कर रहे राजकुमार ने बताया कि रोजाना तकरीबन 1500 लोग सिर्फ यहां खाना खाते हैं। लाडवा में रोजाना करीब 4 हजार लोग उनकी रसोई में भोजन ग्रहण करते हैं। वह रोटरी क्लब व अग्रवाल सभा के सदस्य भी हैं। गर्ग के मामा मदन मोहन मित्तल पंजाब सरकार में मंत्री और BJP अध्यक्ष रह चुके हैं। वैश्य समाज के जितने वोट उन्हें मिलेंगे BJP का उतना ही नुकसान होगा। जाट समाज से आने वाली सपना बड़शामी इनेलो-बसपा गठबंधन की प्रत्याशी हैं। सपना बड़शामी पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी की पुत्र वधू हैं। शेर सिंह बड़शामी पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के करीबी रहे हैं और जेबीटी घोटाले को लेकर उनके साथ जेल में भी रहे हैं। सपना बड़शामी को मिलने वाले वोट जाट समाज से ही आने वाले कांग्रेस के मेवा सिंह का नुकसान करेंगे।

हालांकि, मेवा सिंह के लाडवा स्थित मुख्य कार्यालय की व्यवस्था संभाल रहे विजय अत्री का दावा है कि 5 हजार से ज्यादा वोट सपना बड़शामी को नहीं मिलेंगे। सियासी पंडित कहते हैं कि इस हालत में वह मेवा सिंह का ज्यादा नुकसान नहीं कर पाएंगी। वहीं 6.71 प्रतिशत वोट वाले ब्राह्मण समाज से जेजेपी-आसपा (जन नायक जनता पार्टी व चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी) गठबंधन से विनोद शर्मा उम्मीदवार हैं। उन्हें मिलने वाले वोट भी BJP का नुकसान करेंगे। यही वजह है कि 14 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हरियाणा में पहली रैली कुरुक्षेत्र में करवाई गई। लाडवा में नायब सिंह सैनी की पत्नी सुमन सैनी ने प्रचार की बागडोर संभाली हुई है, जो अपना पार्षद का चुनाव अंबाला से हार चुकी हैं।

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