कोविड वैक्सीनेशन को लेकर कांग्रेस का मोदी सरकार पर तंज, कहा- 'गिनी पिग' नहीं भारतीय जिन पर हो फेज 3 ट्रायल
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, "सरकार को तब तक टीकाकरण शुरू नहीं करना चाहिए, जब तक कि उनकी प्रभावकारिता की पूरी तरह पुष्टि न हो जाए और अनिवार्य थर्ड फेज का ट्रायल पूरा न हो जाए, क्योंकि भारत के लोग 'गिनी पिग' नहीं हैं।"
सरकार ने जहां एक ओर हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के कोविड टीकाकरण अभियान के लिए कमर कस ली है, वहीं विपक्षी कांग्रेस ने सरकार को आगाह किया है कि चूंकि कोवैक्सीन टीके का तीसरे चरण का ट्रायल नहीं पूरा हुआ है, इसलिए टीकाकरण अभियान अभी शुरू नहीं होना चाहिए। भारत के लोग 'गिनी पिग' नहीं हैं। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, "सरकार को तब तक टीकाकरण शुरू नहीं करना चाहिए, जब तक कि उनकी प्रभावकारिता की पूरी तरह पुष्टि न हो जाए और अनिवार्य थर्ड फेज का ट्रायल पूरा न हो जाए, क्योंकि भारत के लोग 'गिनी पिग' नहीं हैं।"
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि 'कोवैक्सीन (Covaxin)' को सरकार नेइमरजेंसी इस्तेमाल के लिए लाइसेंस दिया था लेकिन अब सरकार बोल रही है कि वैक्सीन लेने वालों को इस बात की अनुमति नहीं है कि वो कोवैक्सीन व कोविशील्ड में से विकल्प का चुनाव करें कि कौन सी वैक्सीन का डोज लेना चाहते हैं।' मनीष तिवारी ने कहा 'कोवैक्सीन का फेज 3 ट्रायल पूरा नहीं हुआ, इससे इसकी क्षमता को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।' उन्होंने कहा कि या तो सरकार को कोवैक्सीन का फेज 3 ट्रायल संपन्न होने के बाद रिलीज किया जाना चाहिए। आपको फेज 3 ट्रायल की तरह वैक्सीन को रिलीज नहीं करना चाहिए क्योंकि भारतीय गिनी पिग नहीं है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया- 'कल तक केंद्र सरकार दावा कर रही थी कि 'कोवैक्सीन'को इमरजेंसी उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है। आज प्राप्तकर्ता को अपनी पसंद की वैक्सीन लेने की अनुमति नहीं देकर क्या NDA / BJP भारतीयों पर प्रयोग कर रही है? क्या 'कोवैक्सीन' का रोल आउट, वास्तव में फेज 3 का ट्रायल है?' कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा जब तक इसकी प्रभावकारिता और विश्वसनीयता पूरी तरह से स्थापित नहीं हो जाती है तब तक सरकार कोवाक्सिन को रोल आउट नहीं करना चाहिए और चरण 3 के परीक्षण समाप्त हो गए हैं। यह उस तरीके से कार्य करना चाहिए जिससे लोगों में पूर्ण विश्वास हो। आप चरण 3 के परीक्षण के रूप में रोलआउट का उपयोग नहीं कर सकते।
आपको बता दें, भारत बायोटेक के कोवैक्सीन की पहली खेप बुधवार को हैदराबाद से दिल्ली पहुंची। भारत बायोटेक का लक्ष्य शुरुआती चरण में दिल्ली, बेंगलुरु, लखनऊ, चेन्नई और जयपुर सहित 11 शहरों में लगभग 55 लाख टीके लगाने का है। अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि दिल्ली में, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल (आरजीएसएसएच) को एक खेप से भारत बायोटेक के कोविड वैक्सीन की 20,000 खुराकें प्राप्त होंगी, जो बुधवार सुबह यहां इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंची। आरजीएसएसएच को मंगलवार को 'कोविशील्ड' वैक्सीन की 2.64 लाख खुराक पहले ही मिल चुकी है। अस्पताल को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (सआईआई) द्वारा निर्मित कोविड वैक्सीन कोविशील्ड के 26,400 शीशियों से युक्त 22 बक्से मिले हैं।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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