नई गाइडलाइंस पर Whatsapp को सरकार की दो टूक- निजता के अधिकार का सम्मान, पर गंभीर मामलों में देनी होगी जानकारी

केंद्र सरकार ने नए सोशल मीडिया गाइडलाइन्स को लेकर व्हाट्सएप्प की आपत्ति पर बयान जारी कर कहा है कि सरकार लोगों के निजता के अधिकार का सम्मान करती है। व्हाट्सएप से किसी संदेश का ओरिजिन बताने के लिए कहने का अर्थ निजता के अधिकार का उल्लंघन करना नहीं है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सोशल मीडिया गाइडलाइंस के खिलाफ वाट्सअप की ओर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर केंद्र सरकार ने एक बयान जारी कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को दो टूक संदेश दिया है। सरकार ने कहा है कि निजता जैसे मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। लेकिन गंभीर मामलों में जानकारी देनी ही होगी। सरकार ने एक बार फिर कहा कि नए नियमों से यूजर्स की प्राइवेसी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में कहा है कि केंद्र सरकार अपने नागरिकों की निजता के अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करना भी सरकार की जिम्मेदारी है।

मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत सरकार की ओर से प्रस्तावित नए दिशा-निर्देशों से वाट्सअप के सामान्य कामकाज पर फर्क नहीं पड़ेगा। इससे आम यूजर्स पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सभी स्थापित न्यायिक सिद्धांतों के अनुसार, निजता के अधिकार सहित कोई भी मौलिक अधिकार संपूर्ण नहीं हैं। मौलिक अधिकार भी उचित प्रतिबंधों के अधीन हैं। सूचना के प्रथम प्रवर्तक यानी पहली बार मैसेज भेजने वाले से संबंधित दिशा-निर्देश इन्हीं प्रतिबंध के उदाहरण हैं।


आईटी मंत्रालय ने यह भी कहा कि एक ओर व्हाट्सएप अपनी एक अलग निजता नीति को लागू करने की मांग कर रहा है, जहां वह अपने सभी उपयोगकर्ताओं का डाटा अपनी पैरेंट कंपनी फेसबुक के साथ साझा करेगा। वहीं दूसरी ओर, व्हाट्सएप कानून और व्यवस्था बनाए रखने और फर्जी खबरों और यौन उत्पीड़न पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार द्वारा लाए गए आवश्यक दिशानिर्देशों को लागू करने से इनकार कर रहा है।

केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि भारत में हो रहे सभी काम यहां के कानूनों के अनुसार होने चाहिए। व्हाट्सएप की ओर से दिशानिर्देशों का पालन करने से इनकार करना, उस उपाय की स्पष्ट अवहेलना है, जिसके इरादे पर निश्चित रूप से संदेह नहीं किया जा सकता है।

बता दें कि वाट्सअप, केंद्र सरकार की ओर से तैयार किए गए नए डिजिटल नियमों के खिलाफ है। वाट्सअप का कहना है कि नए नियमों के कारण पूछने पर बताना पड़ेगा कि सबसे पहले किसने मैसेज भेजा। इससे यूजर्स की प्राइवेसी प्रभावित होगी। वाट्सअप के मुताबिक, यूजर्स का चैट ट्रेस करना मतलब हर मैसेज का फिंगरप्रिंट पास रखना। इससे प्राइवेसी जैसे फंडामेंटल राइट का उल्लंघन होगा। इसके अलावा व्हाट्सएप्प को हर यूजर का डाटा रखना होगा।

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