सरकार ने संसद में माना खजाने में नहीं है पैसा, कहा- अच्छी सड़कों के लिए टोल तो चुकाना ही पड़ेगा
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में माना है कि सरकार के पास प्रयाप्त फंड नहीं है इसलिए देशवासियों को अच्छी सड़कें चाहिए तो आजीवन टोल चुकाना पड़ेगा।
मोदी सरकार में टोल टैक्स की मार से जनता को कभी मुक्ति मिलने वाली नहीं है। ऐसा कहना है केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का। नितिन गडकरी का कहना है कि जनता को अच्छी सड़कें चाहिए तो टोल चुकाना पड़ेगा।
नितिन गडकरी अपने मंत्रालय के लिए अनुदान की मांग पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। इस दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि टोल जिंदगी भर बंद नहीं हो सकता। टोल टैक्स या तो कम हो सकता है या फिर ज्यादा हो सकता है, लेकिन यह बंद नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि टोल का जन्मदाता मैं हूं।
उन्होंने आगे कहा कि अगर आपको अच्छी सेवाएं चाहिए तो कीमत चुकानी पड़ेगी। सरकार के पास पर्याप्त फंड नहीं है। नितिन गडकरी ने कहा कि उन इलाकों में टोल लिया गया जहां लोगों की देने की क्षमता है। टोल टैक्स की राशि का इस्तेमाल ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में सड़कें बनाने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने टोल टैक्स बंद नहीं करने पर दलील देते हुए कहा अच्छी सड़कें होती है तो तेल का पैसा और समय की बचत होती है। ऐसे में टोल देने में दिक्कत है। उन्होंने कहा कि अगर टोल वाली सड़क ना हो तो 2 घंटे की दूरी 10 घंटे में पूरी होगी। ऐसे में पैसा और समय दोनों की बर्बादी होगी।
हालांकि इस दौरान नितिन गडकरी ने संसद को बताया कि सड़क परिवहन मंत्रालय दिल्ली से मुंबई के बीच ग्रीन एक्सप्रेस-वे की योजना पर काम कर रहा है। यह गुड़गांव से शुरू होकर सवाई माधोपुर, अलवर, रतलाम, झाबुआ, बड़ोदरा से होकर मुंबई जाएगा। इसके अलावा गडकरी ने कहा कि माल ढुलाई के लिए भी अनोखा रास्ता तैयार किया जाएगा, जो अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को, जर्मनी और स्वीडन आदि के तर्ज पर होगा।
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