फेसबुक-ट्विटर समेत सोशल मीडिया पर सरकार ने कसा शिकंजा, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर भी सख्ती, बनेगी कमेटी
सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि प्लेटफॉर्म्स को किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट को 24 घंटे में हटाना होगा। साथ ही संप्रभुता, पब्लिक ऑर्डर और दुष्कर्म पर आपत्तिजनक कंटेंट के ओरिजिनेटर के बारे में खुलासा करना होगा।
केंद्र सरकार ने फेसबुक, ट्विटर जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर एक तरह से सख्ती करते हुए इनके लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। सरकार ने आईटी रूल्स, 2021 को अधिसूचित किया है। अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म को यूजर्स की शिकायतों की सुनवाई के लिए ग्रीवांस रीड्रेसेल मैकेनिज्म बनाना होगा। इसके साथ ही सरकार ने ओटीटी प्लेटफार्म के रेगुलेशन के लिए एक संस्था बनाने की बात कही है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय प्रकाश जावडेकर और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म को कड़े नियमों का पालन करना होगा। यूजर्स और पीड़ितों की शिकायतों की सुनवाई करनी होगी। इसके लिए प्लेटफॉर्म को चीफ कंप्लायंस ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगी। किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट को 24 घंटे में हटाना होगा। प्लेटफॉर्म्स को इसके लिए भारत में अधिकारियों की तैनाती करनी होगी और इसकी सूचना सार्वजनिक करनी होगी। इसके अलावा हर महीने कितनी शिकायतों पर एक्शन हुआ, इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश में 53 करोड़ वाट्सअप यूजर्स है, 44.8 करोड़ यूट्यूब, 41 करोड़ फेसबुक, 21 करोड़ इंस्टा और 1.75 करोड़ ट्विटर यूजर्स हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को संप्रभुता, पब्लिक ऑर्डर और दुष्कर्म पर असर डालने वाले कंटेंट के ओरिजिनेटर के बारे में खुलासा करना होगा। उन्होंने कहा कि अफवाह फैलाने वाला पहला व्यक्ति कौन है, उसकी जानकारी देनी जरूरी है। क्योंकि उसके पोस्ट के बाद वह कंटेंट लगातार सोशल मीडिया पर फैलता रहता है। उन्होंने कहा कि इसमें देश की संप्रभुता, सुरक्षा, विदेशी संबंध, रेप जैसे अहम मसलों को शामिल किया जाएगा।
ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया के लिए गाइडलाइन्स जारी करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को नियमों का पालन करना होता है, लेकिन ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया के लिए नियम नहीं हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म को सेल्फ रेगुलेशन के लिए कहा गया था, लेकिन वो नहीं हुआ। जावड़ेकर ने कहा कि ओटीटी और डिजिटल मीडिया को अपने काम और इस बात की जानकारी देनी होगी कि वो कैसे अपना कंटेंट तैयार करते हैं।
जावड़ेकर ने कहा कि सेल्फ रेगुलेशन लागू करना होगा, जिसके लिए एक बॉडी बनाई जाएगी, जो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या किसी अन्य व्यक्ति की अध्यक्षता में बनाई जाएगी। इसके अलावा अब डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह गलती पर माफी प्रसारित करनी होगी। उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म को तीन आयु वर्ग में कंटेंट का वर्गीकरण करना होगा। साथ ही पैरेंटल लॉक मेकैनिज्म की सुविधा देनी होगी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भारत में व्यापार करने का स्वागत है, सरकार आलोचना के लिए भी तैयार है। लेकिन सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर भी शिकायत का फोरम मिलना चाहिए। इसके लिए कानून के तहत नियम लाए गए हैं, जो 3 महीने में लागू कर दी जाएंगी।
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Published: 25 Feb 2021, 4:18 PM