लॉकडाउन में 52 फीसदी से ज्यादा लोगों के पास नहीं पहुंची सरकारी मदद, सर्वे से सामने आया दर्द
सर्वे में 9.5 फीसदी लोगों ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी। यह सर्वे 23 मई से 27 मई के बीच देशभर में 12,070 लोगों पर किया गया। कोविड की दूसरी लहर और लॉकडाउन के दौरान कई लोगों ने अस्पताल में बिस्तरों, ऑक्सीजन सिलेंडरों, दवाओं आदि की कमी को लेकर भी शिकायत की।
एबीपी-सी वोटर की मोदी 2.0 रिपोर्ट कार्ड की शनिवार को आई रिपोर्ट से पता चला कि लगभग 52 फीसदी लोगों ने ऐसा महसूस किया कि कोविड महामारी की दूसरी लहर को संभालने के लिए सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के दौरान सरकार की मदद उन तक नहीं पहुंची है।
इस सर्वे के मुताबिक, 52.3 फीसदी लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान सरकार की मदद उन तक नहीं पहुंची। इसमें कहा गया है कि ग्रामीण इलाकों में 53.7 फीसदी और शहरी इलाकों में 48.9 फीसदी लोगों को लगता है कि सरकार की मदद उन तक नहीं पहुंची है।
सर्वेक्षण में यह भी कहा गया कि 38.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने महसूस किया है कि लॉकडाउन के दौरान सरकार की मदद उन तक पहुंची है। रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि शहरी क्षेत्रों में 41.1 फीसदी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 37 फीसदी लोगों ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान सरकार की मदद उन तक पहुंची है।
वहीं, सर्वे में 9.5 फीसदी लोगों ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी। यह सर्वे 23 मई से 27 मई के बीच देशभर में 12,070 लोगों पर किया गया। कोविड की दूसरी लहर और लॉकडाउन के दौरान कई लोगों ने अस्पताल में बिस्तरों, ऑक्सीजन सिलेंडरों, दवाओं आदि की कमी को लेकर भी शिकायत की।
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