गोवा में बीजेपी सरकार ने 2 लाख वाला वेंटिलेटर 8.50 लाख में खरीदा, पीएम केयर फंड से मिले पैसे के दुरुपयोग का आरोप
गोवा में बीजेपी सरकार ने पीएम केयर से मिले पैसे से 200 वेंटिलेटर खरीदे हैं, लेकिन आरोप है कि 2 लाख रुपए में मिलने वाले वेंटिलेटर के लिए 8.50 लाख रुपए का भुगतान किया गया। आरोप स्वास्थ्य मंत्री पर लग रहे हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर हुई है।
कोरोना महामारी में संकट का सामना कर रहे गोवा में पीएम केयर फंड से चार से पांच गुना ज्यादा रेट पर वेंटिलेटर खरीदने के आरोपों में स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे घिर गए हैं। गोवा सरकार के सहयोग से जनता के लिए फ्री डायलिसिस सेंटर चलाने वाले चिकित्सक डॉ. आर वेंकटेश ने पीआईएल दाखिल कर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका आरोप है कि राज्य में पीएम केयर फंड से दो लाख के वेंटिलेटर साढ़े आठ लाख रुपये कीमत में खरीदे गए। स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप लगाते हुए डॉक्टर वेंकटेश ने एक वीडियो भी जारी किया है। खास बात है कि वेंटिलेटर खरीदने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने वित्त विभाग की भी मंजूरी नहीं ली गई, जबकि राज्य के मुख्यमंत्री ही वित्तमंत्री भी हैं। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने वेंटिलेटर खरीदने में घोटाले के आरोपों को खारिज किया है।
विश्वजीत राणे 2019 में भी सुर्खियों में रहे थे, जब कांग्रेस ने उनका एक कथित ऑडियो जारी किया था, जिसमें वह मनोहर पर्रिकर के बेडरूम में राफेल की फाइलों की बात कर रहे थे। गोवा में लंबे समय से विश्वजीत राणे स्वास्थ्य मंत्री हैं। कांग्रेस सरकार में वर्ष 2007-2012 के बीच वह स्वास्थ्य मंत्री रहे और फिर 2017 में कांग्रेस से भाजपा में आने के बाद मनोहर पर्रिकर की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने। इस वक्त प्रमोद सावंत सरकार में भी वह स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी देख रहे हैं।
गोवा के डॉक्टर आर वेंकटेश का आरोप है कि केंद्र सरकार ने पीएम केयर फंड से, वेंटिलेटर खरीदने के लिए गोवा सरकार को 55 करोड़ रुपये दिए थे। गोवा सरकार ने 55 करोड़ रुपये से 200 वेंटिलेटर खरीदे। डॉक्टर वेंकेटेश ने कहा, "जब पीएम केयर फंड से अन्य राज्यों मे 2 लाख रुपये में वेंटिलेटर खरीदे गए तो हमारे स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने एक वेंटिलेटर पर 6.50 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए। इसलिए मैंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में इंटरकॉस्ट्यूमरी अर्जी दाखिल की है।"
डॉ. वेंकटेश, गोवा सरकार के डिस्ट्रिक्ट हेल्थ सर्विस से जुड़कर पिछले 18 वर्षों से जनता के लिए फ्री डॉयलिसिस सेंटर चलाते हैं। आरोप है कि राज्य के स्वास्थ्य महकमे में भ्रष्टाचार का खुलासा करने पर अब उनके डायलिसिस सेंटर को तुरंत खाली कराने की कवायद चल रही है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री की ओर से दबाव डाला जा रहा है। उधर स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने वेंटिलेटर की खरीद में घोटाले के आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि वेंटिलेटर अर्जेंसी में खरीदे गए। सरकार ने यूएसए से 200 वेंटिलेटर आयात किए। सभी वेंटिलेटर अच्छे से कार्य कर रहे हैं। वेंटिलेटर के प्रदर्शन से डॉक्टर खुश हैं।
पिछले साल जहां गोवा कोरोना से लड़ाई में देश में उदाहरण बना था वहीं इस साल सर्वाधिक 51 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट के कारण संकट का सामना कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि राज्य के सार्वजनिक हेल्थ सेक्टर में कुछ कंपनियों का ही एकाधिकार है। गोवा मेडिकल कॉलेज में एक ही कंपनी दवाओं की आपूर्ति करती है। इसी तरह ऑक्सीजन और मरीजों को भोजन के वितरण पर भी एक-एक कंपनी की मोनोपॉली की बातें सामने आ रहीं हैं। हाल में सीएनएन इंटरनेशनल चैनल पर दिए इंटरव्यू में स्वास्थ्य मंत्री राणे ने अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने लॉकडाउन में देरी के लिए प्रशासकीय स्तर पर सवाल उठाए थे। माना जा रहा था कि उनका निशाना मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर था।
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