राजस्थान में कौवों की मौत पर सक्रिय हुई गहलोत सरकार, बर्ड फ्लू रोकने के लिए हुआ टीम का गठन
पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि फिलहाल बर्ड फ्लू का मामला नहीं देखा गया है, लेकिन तैयारी करने की आवश्यकता है। यह चिंता का विषय है क्योंकि यह पक्षियों और पोल्ट्री उद्योग को प्रभावित करता है। इसलिए इसे रोकने के लिए वन विभाग के साथ टीम बनाई गई है।
राजस्थान के पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने आज बताया कि झालावाड़ में बर्ड फ्लू का पहला मामला 25 दिसंबर को कौवों के शव मिलने के बाद सामने आया था। राज्य के अन्य हिस्सों में भी कुछ मामले सामने आए थे। जिसके बाद नमूने भोपाल भेजे गए, जहां से एवियन इन्फ्लूएंजा के बारे में पता चला।
कटारिया ने कहा कि यह चिंता का विषय है क्योंकि यह पक्षियों और पोल्ट्री उद्योग को प्रभावित करता है। फिलहाल बर्ड फ्लू का मामला नहीं देखा गया है, लेकिन हमें तैयारी करने की आवश्यकता है। इसलिए हमने इसे नियंत्रित करने के लिए वन विभाग के साथ एक टीम बनाई है।
गौरतलब है कि देश में कोरोना महामारी के बीच अब बर्ड फ्लू का खौफ पसरने लगा है। अब तक राजस्थान, मध्यप्रदेश, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और केरल में बड़े पैमाने पर पक्षियों, खासकर मूर्गियों की मौत के मामले सामने आए हैं। जिसके बाद कई राज्यों में हड़कंप है। हरियाणा सरकार ने तो पॉल्ट्री उत्पाद के इस्तेमाल को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है।
हालांकि, देश में पिछले नौ साल के दौरान अब तक 28 बार बर्ड फ्लू फैल चुका है, लेकिन राजस्थान में पहली बार इस बीमारी ने दस्तक दी है। राज्य में अब तक 522 पक्षियों की मौत भी हो चुकी है, जिनमें सबसे ज्यादा कौओं की मौत हुई है। ऐसे में हालात को देखते हुए सरकार अभी से सतर्क हो गई है और तमाम जरूरी कदम उठा रही है।
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