गौरव गोगोई ने असम में बाढ़ के हालात पर केंद्र से ध्यान देने की मांग की, कहा- जलशक्ति मंत्री और NDRF को भेजें
लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए गौरव गोगोई ने दावा किया कि बीजेपी को इस लोकसभा चुनाव में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। गोगोई ने कहा कि इस बार जनता ने सरकार को नहीं बल्कि मजबूत विपक्ष को चुना है।
असम से कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने राज्य में बाढ़ की भयावह स्थिति पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से मांग की कि राज्य के हालात पर ध्यान दे और जलशक्ति मंत्री को आज ही असम भेजा जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक दल को भी बाढ़ से बचाव के लिए वहां भेजा जाए।
गौरव गोगोई ने लोकसभा में मंगलवार को कहा कि असम में बाढ़ के कारण खतरनाक स्थिति है और जमीन कटाव से लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस ओर तत्काल ध्यान देना चाहिए और जलशक्ति मंत्री और एनडीआरएफ के एक दल को राज्य में भेजना चाहिए।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए गोगोई ने दावा किया कि बीजेपी को इस लोकसभा चुनाव में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।उन्होंने कहा कि इससे पहले के दो आम चुनाव में बीजेपी के सांसद नरेन्द्र मोदी के नाम पर जीतकर आए थे, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री के नाम पर नहीं स्वयं अपने परिश्रम से वे जीतकर आए हैं।
गोगोई ने कहा, ‘‘इस बार जनता ने सरकार को नहीं बल्कि मजबूत विपक्ष को चुना है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग संविधान को बचाने का संघर्ष जारी रखेंगे और गरीबों, युवाओं, छोटे व्यापारियों, करदाताओं की आवाज उठाते रहेंगे। गोगोई ने प्रधानमंत्री मोदी पर लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान में ‘भय और भ्रम के दो अस्त्रों’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन देशवासियों ने इस बार उन्हें दिखा दिया है कि वे ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग से डरते नहीं है।’’ गोगोई ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी और डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमाएं हटाकर दूसरे स्थान पर स्थापित किए जाने का जिक्र करते हुए लोकसभा अध्यक्ष से मांग की कि इन प्रतिमाओं को पूर्व स्थान पर ही रखा जाना चाहिए।
इस पर पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने कहा कि संसद परिसर में पहली बार एक विशेष वीथिका बनाई गई है जहां बाबासाहेब आंबेडकर और महाराणा प्रताप से लेकर सभी महापुरुषों की प्रतिमाओं को एक ही स्थान पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि जब बाहर का कोई शिष्टमंडल या संसद सदस्य उस स्थान को जाकर देखेंगे तो उन्हें लगेगा कि संसद और संविधान भवन के साथ ही एक स्थान पर सभी महापुरुषों की प्रतिमाओं को उचित तरीके से रखा गया है।
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