बिहार के छपरा में फंसा गंगा विलास क्रूज जहाज, उथले पानी के कारण बीच नदी में डालना पड़ना लंगर

गंगा विलास क्रूज की पहली यात्रा में अन्य देशों के अलावा स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक हैं। कुछ घरेलू पर्यटक भी हैं। क्रूज पोत में 18 कमरे, एक 40 सीटर रेस्तरां, जिम, स्पा, खुली बालकनी, लेक्चर हॉल, इंटरनेट, टेलीविजन सहित कई अन्य मनोरंजन सुविधाएं उपलब्ध हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

गंगा विलास क्रूज जहाज सोमवार को बिहार के छपरा में गाद और उथले पानी की वजह से बीच नदी में ही फंस गया। जिसके बाद बीच नदी में ही लंगर डालकर छोटी नावों से यात्रियों को नदी किनारे पहुंचाने की व्यवस्था की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जनवरी को वाराणसी से गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

क्रूज ने 27 छोटी और बड़ी नदियों को पार करते हुए बिहार में प्रवेश किया। इसे 51 दिनों में 3,210 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए असम के डिब्रूगढ़ तक जाना है। इसका मार्ग गाजीपुर (यूपी), बक्सर, छपरा (सारण), पटना, मुंगेर, सुल्तानगंज, भागलपुर, पश्चिम बंगाल, ढाका (बांग्लादेश), गुवाहाटी से डिब्रूगढ़ तक तय है, जिसमें 50 स्थानों पर पड़ाव तय किया गया है।


लेकिन आज क्रूज जब सारण जिले के छपरा कस्बे में पहुंचा तो वहां पानी कम होने के कारण फंस गया। क्रूज के संचालकों ने नदी के बीच में लंगर उतारा और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा विरासत स्थल घोषित चिरांड के ऐतिहासिक अवशेषों को देखने के लिए यात्रियों को नदी के किनारे जाने के लिए छोटी नावों की व्यवस्था की।

गंगा विलास क्रूज की पहली यात्रा में अन्य देशों के अलावा स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक आए हैं। कुछ घरेलू पर्यटक भी यात्रा कर रहे हैं। क्रूज पोत में 18 कमरे, एक 40 सीटर रेस्तरां, जिम, स्पा, खुली बालकनी, लेक्चर हॉल, इंटरनेट, टेलीविजन सहित कई अन्य मनोरंजन सुविधाएं उपलब्ध हैं। क्रूज पोत 62.5 मीटर लंबा और 12.8 मीटर चौड़ा है, जिसमें 40,000 लीटर ईंधन टैंक और 60,000 लीटर जल भंडारण क्षमता है।

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