बिहार में गंगा भी अब उफान पर, गंडक ने भी फिर बढ़ाई परेशानी, पटना जिले में भी बाढ़ का खतरा

बिहार के 16 जिलों के 130 प्रखंडों में अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिसकी चपेट में आने से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, अब गंगा के जलस्तर में तेज से वृद्धि के बाद पटना सहित कई जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

बिहार में गंगा नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि से जहां पटना समेत कई इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है, वहीं गंडक के एकबार फिर उफान पर आने से कई क्षेत्रों में घट रहा बाढ़ का पानी फिर से फैलने लगा है। राज्य की प्रमुख नदियों के उफान पर रहने से सूबे के 16 जिलों में बाढ़ की स्थिति विकराल बनी हुई है, जिससे 81 लाख से ज्यादा की आबादी बुरी तरह प्रभावित है।

राज्य के 16 जिलों के 130 प्रखंडों में अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिसकी चपेट में आने से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। बिहार आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत और बचाव कार्य जारी रहने का दावा किया है। इस बीच, गंगा के जलस्तर में वृद्धि के बाद पटना सहित कई जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।

बिहार राज्य जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पटना के गांधी घाट और हाथीदह तथा भागलपुर के कहलगांव के पास गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।उन्होंने कहा कि बागमती के जलस्तर में कमी आई है, हालांकि वह भी कटौंझा, बेनीबाद और हायाघाट में लाल निशान को पार कर गई है। बूढ़ी गंडक समस्तीपुर और खगड़िया में रौद्र रूप में है, जबकि घाघरा नदी सीवान के दरौली और गंगपुर में खतरे के निशान से ऊपर है।

इधर, मंगलवार को कोसी नदी के जलस्तर में कमी देखी गई है। वीरपुर बैराज के पास सुबह छह बजे कोसी का जलस्तर 1.46 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे घटकर 1.39 लाख क्यूसेक हो गया।वहीं, गंडक नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। गंडक का जलस्राव बाल्मीकिनगर बैराज पर सुबह छह बजे और आठ बजे 1.58 लाख क्यूसेक बना हुआ था। उल्लेखनीय है कि पिछले दो दिनों में गंडक के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही थी। गंडक में उफान के बाद मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, बेगूसराय जिले में जहां बाढ़ का पानी उतर रहा था, वहां बाढ का पानी फिर से फैलने लगा है।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार के 16 जिलों के कुल 130 प्रखंडों की 1,311 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। इन क्षेत्रों में करीब 80.156 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इन इलाकों में 10 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां करीब 12 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं। इसके अलावा बाढ प्रभावित इलाकों में कुल 653 सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन करीब 5.30 लाख लोग भोजन कर रहे हैं।

अपर सचिव ने बताया कि बाढ़ के दौरान इलाकों में विभिन्न घटनाओं में 25 लोगों की मौत हुई है। इस बीच 77 पालतू पशुओं की भी मौत हुई है। उन्होंने कहा कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 33 टीमें राहत और बचाव का कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 5.46 लाख से ज्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेचुटस रिलीफ के तहत 6,000 रुपये की राशि दी जा रही है। अभी तक 8,44,848 परिवारों के बैंक खाते में कुल 506.91 करोड़ रुपये जीआर की राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है।

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