कोरोना संकट में भविष्य की बचत पर दांव, सरकारी छूट मिलने पर 10 दिन में लोगों ने EPF से निकाले 280 करोड़ रुपए

कोरोना संकट को लेकर लोगों में घबराहट और अनिश्चितता की स्थिति यह है कि लोगों ने अपने प्रॉविडेंट फंड से पैसा निकालन शुरु कर दिया है। स्थिति यह है कि अब तक करीब 280 करोड़ रुपए लोगों ने ऑनलाइन अपने पीएफ खाते से निकाले हैं।

फोटो : सोशल मीडिया
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आईएएनएस

कोरोना के कारण देश में हुए लॉकडाउन के बाद केंद्र सरकार ने छूट दी तो भविष्य निधि (पीएफ) का पैसा निकालने की होड़ मच गई है। सिर्फ दस दिनों में ही एक लाख 37 हजार लोगों ने पैसे निकालने के लिए ऑनलाइन आवेदन किए। जिस पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 279.65 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने शुक्रवार को यह आंकड़े जारी किए। यह धनराशि पीएफ से जुड़े नियमों में बदलाव के बाद जारी हुई है।

दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना के कारण लॉकडाउन से आर्थिक मुश्किलों का सामना करना रहे संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में कुछ ऐलान किए थे। 26 मार्च को उन्होंने पीएफ के नियमों में ढील दिए जाने की घोषणा की थी। कहा था कि संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ के रेगुलेशन में बदलाव किया जाएगा। जिससे कर्मचारी अपने पीएफ खाते से 75 फीसदी धनराशि या फिर तीन महीने की सैलरी,जो भी राशि कम हो, की निकासी कर सकते हैं।

वित्त मंत्री के ऐलान के बाद ईपीएफओ ने अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को इस बाबत खास निर्देश दिया था। कहा था कि पैसे निकालने के लिए ऑनलाइन अनुरोधों का वे तेजी से निपटारा करें। 75 प्रतिशत तक पैसा निकालने की छूट मिलने के बाद लोगों में ऑनलाइन आवेदन की होड़ मच गई है। आवेदनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ईपीएफओ ने नया सॉफ्टवेयर लांच किया, जिसके जरिए ऑनलाइन आवेदनों का निबटारा तेजी से हो रहा है। खास बात है कि ईपीएफओ ने खाताधारकों के लिए केवाईसी नियमों को भी आसान कर दिया है।

आधारकार्ड में मौजूद जन्मतिथि को भी प्रमाण के रूप में माना जाएगा। हालांकि जन्मतिथि के तारीखों के बीच तीन वर्ष से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए।

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