फरार ‘स्वामी’ नित्यानंद ने शुरू किया अपना टीवी चैनल, चलाएगा अपनी करेंसी, बनाएगा अपनी संसद

उस पर बलात्कार का आरोप है, लेकिन वह एक भी सुनवाई में हाजिर नहीं हुआ। उसका पासपोर्ट पिछले साल अक्टूबर में रद्द हो चुका है, फिर भी वह देश से भाग गया। सरकारी बयान में बताया गया कि भारत सरकार के अनुरोध पर इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

‘स्वामी’ नित्यानंद को उसके अनुयायी ‘शिवस्वरूप आध्यात्मिक पवित्र दिव्यात्मा’ तक मानते हैं। वैसे, संभवतः उससे ज्यादा लोग उसे सनकी मानते हैं और उसके विलक्षण उपदेशों का मजाक उड़ाते हैं। ऐसे मीम्स यूट्यूब पर भरे पड़े हैं। दरअसल, अपने प्रवचनों में इस ‘स्वामी’ ने अजीब-अजीब किस्म के दावे किए हैं- जैसे, उसने सूर्योदय में कैसे देर करा दी; या गायों के लिए कैसे स्वर तंत्री बनाने की उसकी योजना है।

उस पर बलात्कार का आरोप है लेकिन वह करीब 50 सुनवाइयों में से किसी में उपस्थित नहीं हुआ। उसका पासपोर्ट पिछले साल अक्टूबर में रद्द कर दिया गया, फिर भी वह देश से भाग निकलने में सफल हुआ। एक सरकारी बयान में बताया गया कि भारत सरकार के अनुरोध पर उसकी खोज के लिए इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है। विजय माल्या, मेहुल चोकसी और नीरव मोदी-जैसे भगोड़ों को देश में वापस लाने के लिए कोर्ट की कार्यवाहियों के बारे में यदा-कदा यहां-वहां से चर्चा भी सुनाई देती है, लेकिन इस ‘स्वामी’ को लेकर कुछ भी सुनाई नहीं देता।

हां, यह चर्चा जरूर इन दिनों सुनाई दे रही है कि उसने हिन्दुओं के लिए अलग देश ही बना लिया है और इसे ‘कैलाश’ नाम दिया है। यह और इसके अनुयायी अंग्रेजी उच्चारण की वजह से इसे ’कैलासा’ कहते हैं। इसने अपने स्वप्नलोक वाले देश का खुद को सर्वोच्च धर्मगुरु और प्रधानमंत्री घोषित कर दिया है। उसका कहना है कि वह छह माह के अंदर ही अपनी संसद बनाएगा। वह कहां है, किसी को नहीं पता है। उसके फरार होने के बाद एक वीडियो में दावा किया गया कि उसने इक्वाडोर में एक द्वीप खरीद लिया है, हालांकि इक्वाडोर ने आधिकारिक तौर पर इससे इनकार किया है। लेकिन इंटरनेट पर ‘स्वामी’ के वीडियो भरे पड़े हैं। उसके कई फेसबुक पेज हैं और उसके नाम से वेबसाइट है। ‘स्वामी’ के नाम पर टीवी चैनल भी शुरू होने का दावा किया गया है।


ऐसे ही एक वीडियो क्लिपिंग में ‘स्वामी’ ने बताया है कि कैलाश रिजर्व बैंक ने कैलाश की अपनी मुद्रा शुरू की है। इसे कैलाशी डॉलर कहा जाएगा। इसे सोने में ढाला जाएगा। एक कैलाशी डॉलर 11 ग्राम से कम सोने का नहीं होगा। वैसे, अगर यह संयोग भी है, तो रोचक है कि जब ‘स्वामी’ नित्यानंद की ओर से इस तरह का दावा किया जा रहा था, लगभग उसी समय व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर पर एक ग्रुप बता रहा था कि राम नाम की एक मुद्रा अमेरिका और हॉलैंड में चलन में है। इसके साथ ही इस मुद्रा की फोटो भी शेयर की जारही थी जिसमें ‘राम’ शब्द18 भाषाओं में लिखा गया था।

वैसे एक साइट ने इसका फैक्ट चेक कर बताया है कि दोनों देशों में से किसी ने भी इस मुद्रा को वैध होने के तौर पर कभी मान्यता नहीं दी। स्वामी’ की जो सबसे पुरानी माने जाने वाली तस्वीर उपलब्ध है, उसमें उसे मलापुरम में रामकृष्ण आश्रम में महाराज बताया गया है। चेन्नई में चार साल रहने के बाद उसे कोलकाता के पास आश्रम के मुख्यालय बेलूर मठ में भेज दिया गया। वह वहां छह माह ही रहा। फिर उसने 2000 में अपना आश्रम बना लिया और कभी पलटकर नहीं देखा।

उस पर कई तरह के आरोप समय-समय पर लगाए गए। ‘अंतिम’ यह थाः चेन्नई के एक तमिल परिवार ने आरोप लगाया कि उसने उसके चार बच्चों का अपहरण कर लिया है और अहमदाबाद के नित्यानंद आश्रम में उन्हें बंधक बनाकर रखा हुआ है। पुलिस ने उस आश्रम पर छापा मारा। यह आश्रम एक स्कूल परिसर में है। पुलिस ने चार में से दो बच्चे तो बरामद कर लिए लेकिन दो बच्चियों का अब तक पता नहीं चल पाया है। गुजरात पुलिस ने स्कूल पर झूठे अनुमति पत्र और प्रमाण पत्र वगैरह जमा करने की जांच भी की। उसने स्कूल के दो ट्रस्टियों को गिरफ्तार किया लेकिन उन्हें जल्द ही जमानत मिल गई। तीसरे ट्रस्टी- पूजा श्रौफ, को गुजरात हाईकोर्ट से जुलाई में अग्रिम जमानत मिल गई।

बलात्कार के आरोपों की वजह से ‘स्वामी’ को पहले भी तमिलनाडु से भागना पड़ा था। उसे 2010 में हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया। वैसे, एक तमिल अभिनेत्री के साथ आपत्तिजनक अवस्था वाले ‘स्वामी’ के वीडियो क्लिप्स भी एक समय काफी वायरल रहे और क्षेत्रीय टीवी चैनलों पर इन्हें दिखाया भी गया, हालांकि उस अभिनेत्री ने इसकी शिकायत कभी पुलिस से नहीं की।


इसके बाद जब नित्यानंद सर्वाजनिक तौर पर सामने आया, तो उसने अपने प्रवचनों में दावा किया कि वह सभी किस्म की ऊर्जा को ‘चेतना ऊर्जा’ में बदल कर आदमी की उम्र 200 साल तक कर सकता है। 2015 में एक महिला अनुयायी की उसके आश्रम में मौत हो गई। इस पर काफी शोर मचा। एक युवक ने उसके आश्रम में 2008 में आत्महत्या की कोशिश की। उसकी मां ने कर्नाटक सीआईडी के सामने अपने बयान भी दर्ज कराए। रोचक यह है कि अभी फरवरी में कर्नाटक पुलिस ने हाईकोर्ट में बताया कि ‘स्वामी’ को सम्मन इसलिए तामील नहीं कराई जा सकी क्योंकि वह ‘आध्यात्मिक दौरे पर है।’ तब ‘स्वामी’ के फरार हो जाने की चतुर्दिक चर्चा हो रही थी।

न्यूज मिनट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस ‘स्वामी’ के तमिलनाडु के लगभग हर जिले में तो आश्रम हैं ही, उसके आश्रम तेलंगाना, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और पुडुचेरी में भी हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है किः ‘पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के कई शहरों में उसकी गतिविधियां फैल गई हैं। ओहायो, सैनजोस, सिएटल, फीनिक्स और कुछ अन्य जगहों पर उसके आश्रम हैं। नित्यानंद अमेरिका में युवाओं के एक वर्ग में लोकप्रिय है और पिछले कुछ वर्षों के दौरान इनमें से कई को ध्यान पीठम में प्रशासनिक पद दिए गए हैं।’

फिर भी, कोई नहीं बता पा रहा है कि ‘स्वामी’ नित्यानंद का ‘भौतिक शरीर’ इन दिनों कहां पाया जा रहा है। यह भी साफ नहीं है कि भारत सरकार उसे कितनी गंभीरता से लेती है या कहीं उसने उसे अतिशय गंभीरता से तो नहीं ले लिया है! वैसे, यह बात तो साफ है कि कई अन्य स्वयंभू धर्म गुरुओं की तरह उसके पास भी संसाधनों की कोई कमी नहीं है और उसे भी ऊंची पहुंच वाले कई लोग संरक्षण दे रहे हैं।

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