मध्य प्रदेश: सिंधिया खेमे के एक और विधायक ने दिया इस्तीफा, शिवराज सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
मध्य प्रदेश में सिंधिया खेमे के एक और विधायक ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया है। विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने सिंधिया पर झूठ बोलने और शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
मध्य प्रदेश में बीजेपी की अंदरूनी खटपट लगातार बढ़ती जा रही है। विधानसभा चुनाव सिर पर आने के साथ ही कई खेमों में बंटी बीजेपी की अंतरकलह साफ दिख रही है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक एक-एक करके कांग्रेस में लौटने लगे हैं। सिंधिया जब तीन बरस पहले बीजेपी में शामिल हुए थे तो अपने साथ कांग्रेस के कई विधायकों और कार्यकर्ताओं को भी पार्टी में ले गए थे। लेकिन लगातार होती उपेक्षा के बाद अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर इन विधायकों और कार्यकर्ताओं के सब्र का बांध टूटने लगा है।
गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के एक और विधायक ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। कयास हैं कि वे जल्द ही कांग्रेस का हाथ थाम लेंगे। जिस विधायक ने इस्तीफा दिया है वे हैं शिवपुरी की कोलारस विधानसभा सीट से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी। सिंधिया की राजनीतिक जमीन माने जाने वाले ग्वालियर चंबल इलाके में कुछ ही दिनों में बीजेपी का साथ छोड़ने वाले वीरेंद्र रघुवंशी चौथे नेता हैं।
बीजेपी को भेजे अपने इस्तीफे में वीरेंद्र रघुवंशी ने सिंधिया पर ही आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि सिंधिया ने किसानों के कर्जपत्र के मुद्दे पर झूठ बोला। रघुवंशी ने बीजेपी की शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया है। बीजेपी से अलग होने के बाद वीरेंद्र रघुवंशी कहां जाएंगे, इस पर वे अभी खामोश हैं, लेकिन कयास हैं कि वे कांग्रेस के साथ जाने वाले हैं। रघुवंशी से पहले बीजेपी छोड़ने वाले तीनों नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
वीरेंद्र रघुवंशी ने इस्तीफे में लिखा है कि बीजेपी सरकार उनके विधानसभा इलाके में जानबूझकर ऐसे अधिकारियों की तैनाती कर रही है जो उनके विकास कार्यों में खलल डाल सकें और मुझे व मेरे कार्यकर्ताओं को परेशान कर सकें। उन्होंने कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह कहकर कांग्रेस की सरकार गिराई थी कि किसानों का 2 लाख रुपये का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा, लेकिन बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्होंने कर्ज माफी तो दूर, आज तक इस बारे में बात तक नहीं की।
उन्होंने मध्य प्रदेश में किसानों के सहकारी बैंकों में “बड़े घोटालों” के बारे में भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि घोटाला सामने आने के तीन साल बाद भी हताश किसान अपनी जमा राशि निकालने के लिए लाइन में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा, “किसानों को उनकी जमा राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है, लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।” उन्होंने कहा कि उन्होंने इस विषय को विधानसभा में भी उठाया था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
रघुवंशी ने आरोप लगाया है कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार गौमाता के नाम पर वोट हासिल कर लेती है लेकिन इस बारे में करती कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, अधिकांश गौशालाएं चालू नहीं हैं, या उन्हें चार-पांच महीनों में धन नहीं मिला। इस कारण, गायें अभी भी सड़कों पर मर रही हैं।
उन्होंने कहा, “ग्वालियर-चंबल संभाग में, मेरे जैसे कई पार्टी कार्यकर्ताओं को नए लोगों (सिंधिया के साथ आए नेताओं) द्वारा उपेक्षित किया गया है।” उन्होंने कहा कि भाजपा के वफादार “पूरी निष्ठा के साथ” पार्टी के लिए काम करने की कीमत चुका रहे हैं।
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