डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गे को पनाह देने के आरोप में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के भतीजे को जेल, हुए कई बड़े खुलासे!
खबरों के मुताबिक, शहाबुद्दीने के भजीते इनाम अली के फोन में दाऊद के गुर्गे कुट्टी और उसके परिवार के अन्य सदस्यों से संपक से जुड़े राज हैं। पुलिस ने इनाम अली का पासपोर्ट भी जब्त किया है, जिससे इनाम अली ने मलेशिया की यात्रा की थी।
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गे अब्दुल माजिद कुट्टी को पनाह देने के आरोप में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के भतीजे इनाम अली को जेल भेज दिया गया है। आरोप है कि इनाम अली ने दाऊद के गुर्गे को पनाह दी थी। इनाम अली को मानगो पुलिस ने शुक्रवार शाम को जेल भेज दिया। शहाबुद्दीन के भतीजे इनाम आली को पुलिस ने गुरुवार शाम को गिरफ्तार किया था। इनाम आली का मोबाइल फोन पुलिस ने जब्त कर लिया है।
खबरों के मुताबिक, इनाम अली के फोन में दाऊद के गुर्गे कुट्टी और उसके परिवार के अन्य सदस्यों से संपक से जुड़े राज हैं। इसके साथ ही पुलिस ने इनाम अली का पासपोर्ट भी जब्त किया है, जिससे उसने मलेशिया की यात्रा की थी। बताया जा रहा है कि इनाम अली ने साल 2009 में मलेशिया जाकर कुट्टी से मुलाकात की थी। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
शहाबुद्दीन के भतीजे इनाम अली के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में दाऊद के गुर्गे माजिद उर्फ कुट्टी को भी आरोपी बनाया गया है। साल 2000 में फर्जी पते के आधार पर पासपार्ट बनाने और गलत वेरीफिकेशन के आधार पर मानगो सहारा सिटी के डुप्लेक्स नम्बर 197 गोल्ड में रहने का आरोप है। एफआईआर के मुताबिक, इनाम अली द्वारा ही अपने गलत पते के आधार पर दाऊद इब्राहिम के फरार चल रहे गुर्गे माजिद उर्फ कुट्टी के तमाम प्रमाणपत्र बनाए गए। मामले की जांच के लिए डीएसपी पवन कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी। इस मामले की रिपोर्ट शुक्रवार को टीम ने एसएसपी को सौंप दी। इसके बाद ही मामले में नई एफआईआर दर्ज की गई है।
एटीएस गुजरात ने 26 दिसंबर को मानगो के बारी मस्जिद के पास से दाऊद के गुर्गे अब्दुल माजिद उर्फ कुट्टी को गिरफ्तार किया था। कुट्टी साल 1996 से गुजरात के मेहसाणा में आर्म्स बरामदगी के मामले में फरार चल रहा था। इस मामले में दूसरे आरोपियों में दाऊद इब्राहिम के अलावा अबू सलेम और उसके अन्य गुर्गों का नाम भी शामिल है। हथियार बरामद होने के बाद से कुट्टी मुम्बई से फरार हो गया था। वह दुबई से बैंकॉक चला गया था। इसके बाद साल 2000 में वह जमशेदपुर आया और यहां अपने फर्जी मो. कमाल नाम और टेल्को बारीनगर से पासपोर्ट बनवाया। पासपोर्ट के जरिए वह मलेशिया फरार हो गया। 24 साल से उसका पीछा कर रही एटीएस की टीम ने उसे जमशेदपुर से गिरफ्तार किया था।
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