पीएम को अपने बयान से चीन के षड्यंत्र को नहीं देना चाहिए बल, देश को एकजुट होकर देना चाहिए जवाब: मनमोहन सिंह
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है। प्रधानमंत्री को अपने शब्दों और ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा और सामरिक और भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए।
लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से झड़प में भारत के 20 जवानों की शहादत और दोनों देशों के बीच मौजूदा हालात को लेकर देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बयान जारी किया है। अपने बयान में उन्होंने पीएम मोदी और केंद्र सरकार को नसीहत भी दी है।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा, “15-16 जून, 2020 को गलवान वैली, लद्दाख में भारत के 20 साहसी जवानों ने सर्वोच्च कुर्बानी दी। इन बहादुर सैनिकों ने साहस के साथ अपना कर्तव्य निभाते हुए देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। देश के इन सपूतों ने अपनी अंतिम सांस तक मातृभूमि की रक्षा की। इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम इन साहसी सैनिकों और उनके परिवारों के कृतज्ञ हैं। लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।”
मनमोहन सिंह ने कहा, “आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के निर्णय और सरकार द्वारा उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आंकलन कैसे करें। जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है। हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है। प्रधानमंत्री को अपने शब्दों और ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक और भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए।”
पूर्व पीएम ने कहा, “चीन ने अप्रैल, 2020 से लेकर आज तक भारतीय सीमा में गलवान वैली और पांगोंग त्सो लेक में अनेकों बार जबरन घुसपैठ की है। हम न तो उनकी धमकियों और दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे। प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षडयंत्रकारी रुख को बल नहीं देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने और स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें।”
पूर्व पीएम ने आगे कहा, “यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है तथा संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना है। हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता। हम प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि वो वक्त की चुनौतियों का सामना करें, और कर्नल बी. संतोष बाबू व हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें, जिन्होंने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ और ‘भूभागीय अखंडता’ के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इससे कुछ भी कम जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा।”
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
- PM Modi
- Dr. Manmohan Singh
- पीएम मोदी
- India-China Relations
- लद्दाख
- डाॅ. मनमोहन सिंह
- India-China Faceoff
- भारत-चीन सीमा विवाद
- Galwan Valley
- India-China border dispute
- गलवान घाटी
- पूर्व पीएम मनमोहन सिंह