हमारे लिए भारत तब ‘जीवंत’ होता है, जब भारत बोलता है, जब भारत चुप हो जाता है, तब ‘निष्प्राण’ हो जाता है: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा था, “हमारे लिए भारत तब ‘जीवंत’ होता है, जब भारत बोलता है। जब भारत चुप हो जाता है, तब ‘निष्प्राण’ हो जाता है। मैं देखता हूं कि भारत को बोलने की अनुमति देने वाली संस्थाओं पर हमला किया जा रहा है।

फोटो: Congress
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को लंदन में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के कॉर्पस क्रिस्टी कॉलेज में छात्रों के साथ संवाद किया था। उनके इस संवाद को कांग्रेस ने ट्वीट करके एक बार फिर सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने राहुल गांधी के संवाद के कई वीडियो ट्वीट किए हैं।

इस वीडियो में राहुल गांधी कह रहे हैं, “हमारे लिए भारत तब ‘जीवंत’ होता है, जब भारत बोलता है। जब भारत चुप हो जाता है, तब ‘निष्प्राण’ हो जाता है। मैं देखता हूं कि भारत को बोलने की अनुमति देने वाली संस्थाओं पर हमला किया जा रहा है। संसद, चुनाव प्रणाली, लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर एक संगठन द्वारा कब्जा किया जा रहा है।

इस दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि भले ही कांग्रेस बीते सात सालों से सत्ता में ना हो लेकिन हम सत्तर सालों से सत्ता में रहे हैं और भारत के विकास में अहम भूमिका निभाई है। हमें खुद में बदलाव लाने होंगे और अपनी भूमिका नए तरीके से समझनी होगी। भारत में राष्ट्रीय पार्टी वो होगी जो सबको जोड़ती हो। यह कांग्रेस के लिए चुनौती नहीं बड़ा अवसर है। आरएसएस-बीजेपी और कांग्रेस की विचारधारा के बीच लड़ाई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार और आरएसएस देश को एक भूगोल की तरह देखते हैं लेकिन हमारे लिए, हमारी पार्टी के लिए भारत लोगों से बनता है।


इस दौरान राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बड़ी सोशल मीडिया कंपनियां निष्पक्ष नहीं हैं। उन्होंने कहा कि फेसबुक के मुखिया विपक्ष के नेता से नहीं मिलते केवल प्रधानमंत्री से मिल कर चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के माहौल में जहां संचार के साधन मीडिया और सोशल मीडिया हैं और उनपर उनका पूर्ण कंट्रोल है, निश्चित रूप से यह जनादेश को प्रभावित करेगा।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था चरमरा गई है। लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर हुई है। उन्होंने कहा कि चुनावी ढांचे से लेकर लोकतांत्रिक ढांचे और न्यायपालिका तक एक संगठन पर कब्जा है।

राहुल गांधी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह धर्मनिरपेक्षता से परे है। आपको सहानुभूति और संवेदनशीलता के साथ हर एक व्यक्ति को शामिल करना होगा। प्रधानमंत्री मोदी भारत को लेकर ऐसा नजरिया बना रहे हैं, जहां वह हमारी आबादी के एक बड़े हिस्से को छोड़ रहे हैं। यह भारत का दृष्टिकोण नहीं है, यह भारत के सिर्फ एक हिस्से का दृष्टिकोण है।’

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