बिहार में बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर, 16 जिलों के करीब 11.84 लाख लोग प्रभावित, कई जिलों में तटबंध टूटे

गंगा नदी के किनारे बसे बिहार के 12 जिलों बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार में पहले से ही बाढ़ जैसी स्थिति है और करीब 25 लाख आबादी प्रभावित हुई है एवं पांच लोगों की मौत हुई है।

फोटो: PTI
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नवजीवन डेस्क

बिहार में मंगलवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रही। इस बीच, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ‘भयावह’ स्थिति का विवरण साझा करेंगे। एक दिन पहले नयी दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कोसी, गंडक एवं गंगा नदियों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया और अधिकारियों को प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाये जाने का निर्देश दिया।

पड़ोसी देश नेपाल में भारी वर्षा के कारण 29 सितंबर की सुबह पांच बजे कोसी बैराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जो 1968 के बाद सर्वाधिक है। इस बैराज से 1968 में अधिकतम 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।

इसी तरह गंडक नदी पर बने वाल्मीकिनगर बैराज से गत शनिवार शाम सात बजे तक 5.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इससे पूर्व वर्ष 2003 में इस बैराज से सबसे अधिक 6.39 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, आपदा की स्थिति को देखते हुए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से दो जिलों सीतामढ़ी और दरभंगा जिला में पानी से घिरे गांवों में सूखे राशन के पैकेट गिराये गए।

प्रभावित आबादी में से लगभग 2, 26,000 लोगों को जिला प्रशासन द्वारा राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ)/राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ और स्थानीय नावों के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाा गया है। जिला प्रशासन द्वारा अन्य राहत की कार्रवाई की जा रही है।

बाढ़ से प्रभावित आबादी को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ की कुल 16 टीम एवं एसडीआरएफ की कुल 14 टीम को तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त वाराणसी एवं रांची से एनडीआरएफ की तीन-तीन टीम बुलाई गई है और उन्हें विभिन्न जिलों में राहत एवं बचाव कार्य की जिम्मेदारी दी गई है।


आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों में आयी बाढ़ के कारण 16 जिलों (पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण, सहरसा एवं कटिहार) के 76 प्रखंडो में 368 ग्राम पंचायतों के करीब 11.84 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

जल संसाधन विभाग से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार चार जिलों में सात स्थान पर तटबंध टूटने की घटना सामने आई है। विभाग के मुताबिक सीतामढ़ी जिला में बेलसंड प्रखंड के अन्तर्गत मधकौल और सौली रूपौली तथा रुन्नीसैदपुर प्रखंड के अन्तर्गत तिलकताजपुर एवं खडुआ में तटबंध टूटा है।

विभाग ने बताया कि पश्चिमी चंपारण जिला में बगहा-1 प्रखंड के अन्तर्गत खैरटवा गांव में, शिवहर जिला के तरियानी प्रखंड के अन्तर्गत छपरा में और दरभंगा जिला के अन्तर्गत किरतपुर प्रखंड के भुबोल गांव में कोसी का तटबंध टूट गया है।

विभाग ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को निकालने और एवं आवागमन को सुगम बनाने हेतु कुल 840 नावों का परिचालन किया जा रहा है। आवश्यकता बढ़ने पर इसकी संख्या बढ़ायी जाएगी।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा 209 सामुदायिक रसोई केन्द्र का संचालन किया जा रहा है जिसके माध्यम से लगभग 86,900 लोगों (थाली की संख्या) को भोजन कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 24 राहत शिविर का भी संचालन किया जा रहा हैं जहां लगभग 12,400 लोगों ने शरण ली है।

विभाग ने बताया कि बाढ़ प्रभावितों बीच अबतक लगभग 61,100 तिरपाल एवं लगभग 57,600 सूखे राशन के पैकेट बांटे गए हैं।

एक विज्ञप्ति के मुताबिक गंगा नदी के किनारे बसे बिहार के 12 जिलों बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार में पहले से ही बाढ़ जैसी स्थिति है और करीब 25 लाख आबादी प्रभावित हुई है एवं पांच लोगों की मौत हुई है।

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