बिहार में बाढ़ से हालात भयावह, अस्पताल जलमग्न, थाना डूबा, लोग सड़कों पर शरण लेने को मजबूर
वैशाली जिले में दो दिन पहले जाफराबाद बांध टूट जाने से लालगंज प्रखंड बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वहीं बूढ़ी गंडक का जलस्तर बढ़ने से मुजफ्फरपुर के कांटी के कई गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। ऐसे गांवों के लोग राष्ट्रीय राजमार्ग पर शरण लिए हुए हैं।
बिहार की प्रमुख नदियों में एक बार फिर उफान के कारण कई जिलों में बाढ की स्थिति भयावह बनी हुई है। हालात ये हैं कि कई जगह बाढ़ का पानी अस्पताल और थाना परिसर में घुस गया है। वैशाली जिले के लालगंज स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बाढ़ का पानी घुस गया है, जबकि मुजफ्फरपुर का अहियापुर थाना बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है। इस बीच, बाढ़ प्रभावित कई गांवों के लोग सड़क के किनारे शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।
बिहार के वैशाली जिला के लोग बाढ़ से बेहाल हैं। वैशाली जिले में दो दिन पहले जाफराबाद बांध टूट जाने के कारण लालगंज प्रखंड बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सड़कों पर पानी भरा हुआ है। हालांकि अब बांध की मरम्मति का कार्य चल रहा है। लेकिन इलाके के अस्पताल से लेकर स्कूल तक सभी पूरी तरीके से जलमग्न हो गए हैं। सड़कों पर पानी भरा है, जबकि दुकानों के सामान पानी में तैर रहे हैं। दुकानदार भी पानी के बीच दुकान में बैठकर ग्राहक का इंतजार कर रहे हैं।
लालगंज का रेफरल अस्पताल पूरी तरह से पानी में डूबा हुआ है। अस्पताल के भीतर भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जिससे डॉक्टरों और कर्मचारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेफरल अस्पताल के डॉ. जयराम प्रसाद ने बताया, "हम लोग पानी में खड़े होकर कार्य कर रहे हैं। हम लोगों को ड्यूटी तो करना है, इसीलिए ड्यूटी कर रहे हैं। इससे मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।"
इधर, बूढ़ी गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने के साथ मुजफ्फरपुर में लोगों की परेशानी फिर से प्रारंभ हो गई है। कांटी प्रखंड के लस्करीपुर पंचायत के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। ऐसे गांवों के लोग राष्ट्रीय राजमार्ग (मुज़फ्फरपुर-दरभंगा मुख्य मार्ग) पर शरण लिए हुए हैं।
सड़क के किनारे पूरे परिवार के साथ शरण लिए मुसहरी प्रखंड के विजयी छपरा गांव की रहने वाली सिया जानकी देवी कहती हैं, "गांव में बाढ़ और बारिश के पानी के कारण घर में पानी घुस गया है। पूरे परिवार के साथ यहां सड़क पर आसरा लिए हुए हैं, लेकिन यहां भी कोई सुविधा प्रशसन द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया। यहां तक कि पॉलिथिन भी मुहैया नहीं कराई गई है।"
गौरतलब है कि राज्य के 16 जिले के 489 पंचायतों की 29 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि प्रभावित इलाकों में लोगों को राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ की 17 और एसडीआरएफ की 12 टीमों को लगाया गया है। राज्य में बाढ़ से अब तक 44 लोगों की मौत हो चुकी है। विभाग का दावा है कि राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 3.53 लाख से अधिक पॉलिथिन शीट 4 .72 लाख से अधिक ड्राई राशन के पैकेट बांटे गए हैं। प्रभावित इलाकों में राहत शिविर और सामुदायिक रसोई चलाए जा रहे हैं।
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