उत्तरकाशी के गंगा और यमुना घाटी के जंगल में 5 दिनों से धधक रही आग, अब तक किसी ने नहीं ली सूध
उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ डीपी बलूनी ने कहा कि लंबी बारिश ना होने और असामाजिक तत्वों के नई घास के लिए जंगल में पड़े पिरूल में आग लगाने की वजह से यह समस्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में टीम को भेजा गया है, जिससे आग पर काबू पाया जा सके।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की गंगा और यमुना घाटी के जंगल पिछले 5 दोनों से आग में धधक रहे हैं। अभी तक किसी भी जिम्मेदार ने इसकी सुध नहीं ली है। पिछले 5 दिनों से लगी आग से वातावरण में चारों ओर धुंआ फैल गया है, जिसके चलते धूप भी नजर नहीं आ रही है।
चिकित्सकों का कहना है कि इस इस धुंध के चलते लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ेगा। दरअसल बीते सोमवार को सिलक्यारा के राड़ी टॉप के जंगलों में भीषण आग लग गई थी। जो बढ़ते-बढ़ते अपर यमुना वन प्रभाग के पलेठा, बगासू और मोल्डा गांव के जंगल में भी पहुंच गई थी और उसे भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया था।
इसके अलावा डुंडा, मुखेम रेंज और भटवाड़ी के आसपास भी जंगल में आग लगी हुई है और तेजी से फैल रही है। जंगल में आग की खबरों पर बीते बुधवार को एसडीआरएफ की एक टीम वन विभाग की मदद के लिए निराकोट में आग बुझाने जरूर पहुंची थी। लेकिन अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है।
वहीं उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ डीपी बलूनी ने बताया कि लंबी बारिश ना होने और असामाजिक तत्वों के नई घास के लिए जंगल में पड़े पिरूल में आग लगाने की वजह से आग लगने की घटनाएं हो रही हैं, जिससे यह समस्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में टीम को भेजा गया है। जिससे आग पर काबू पाया जा सके।
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