JNU की केमिस्ट्री लैब में लगी आग, केमिकल और धुएं से कई छात्र जख्मी, एम्स में कराया गया भर्ती

आग की यह घटना जेएनयू के स्कूल ऑफ फिजिकल साइंसेज की केमिस्ट्री लैब में हुई, जहां बिजली की तारों में शॉर्ट सर्केट की वजह से आग लग गई। घटनास्थल पर मौजूद छात्रों का कहना है कि इससे केमिकल वाला धुआं निकला, जिससे कुछ छात्रों को चोटें एवं अंतरिक रक्त स्राव हुआ।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में मंगलवार को केमिस्ट्री लैब में अचानक आग लग गई, जिससे अफरातफरी मच गई। इस दुर्घटना में केमिकल की वजह से कुछ छात्र जख्मी हो गए, वहीं कुछ छात्र धुंए में घिर जाने के की वजह से अचेत हो गए। जख्मी छात्रों को उपचार के लिए आनन- फानन में दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

छात्रों के मुताबिक, आग लगने की यह घटना जेएनयू के स्कूल ऑफ फिजिकल साइंसेज की केमिस्ट्री लैब में हुई। यहां केमिस्ट्री लैब में बिजली की तारों में शॉर्ट सर्केट की वजह से आग लग गई। घटनास्थल पर मौजूद छात्रों का कहना है कि इससे केमिकल वाला धुआं निकला, जिसकी वजह से कुछ छात्रों को चोटें एवं अंतरिक रक्त स्राव हुआ।


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े कुछ छात्रों का कहना है कि जख्मी छात्रों को उनके साथियों ने एम्स में भर्ती कराया है। छात्रों की शिकायत है कि जेएनयू के इस संस्थान में आग से बचाव का न तो फायर अलार्म था, न ही यहां आग बुझाने वाले स्वचालित उपकरण लगे थे। जिससे आग को देर में काबू किया जा सका।

छात्रों का कहना है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दमकल को बुलाया गया। इस प्रकार की अव्यवस्था और पूर्व व्यवस्था न होने पर छात्रो ने कुलपति से साइंस की प्रयोगशालाओं में इस अव्यवस्था को अविलंब दूर करने, फायर निकास के उचित प्रबंध करने और उचित संख्या एवं अधिक से अधिक स्थानों पर फायर रोधी सिलेंडर रखने की मांग की है।


गौरतलब है कि पूर्व में 2016 में जेएनयू के ही पर्यावरण विज्ञान संस्थान में रविवार के दिन एक प्रयोगशाला में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई थी, जिसमे करोड़ों रुपये के प्रायोगिक उपकरण नष्ट हो गए थे। उसके पश्चात उस संस्थान में फायर अलार्म, अग्निशमन और बचाव के उचित उपाय किए गए थे।

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