सबसे अमीर मंदिर तिरुपति बालाजी पर भी आया आर्थिक संकट, लॉकडाउन के चलते हजारों कर्मचारियों के वेतन पर संकट
तिरुपति बालाजी मंदिर को हर महीने दर्शन के लिए आने वालों से 200 करोड़ रुपए का दान मिलता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण 20 मार्च से यहां दर्शन बंद है। इससे मंदिर ट्रस्ट को लगभग 400 करोड़ का नुकसान हो चुका है, जिससे यहां के 21 हजार कर्मचारियों के वेतन पर संकट आ गया है।
देश के सबसे अमीर मंदिर के रूप मशहूर तिरुपति बालाजी मंदिर पर भी लॉकडाउन का असर पड़ने लगा है। कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से सबसे अमीर यह मंदिर आर्थिक संकट में आ गया है। जिसके चलते मंदिर ट्रस्ट अपने 21 हजार कर्मचारियों को समय पर वेतन देने में भारी परेशानियों का सामना कर रहा है। हालांकि संकट के इस समय में मंदिर ट्रस्ट ने कर्मचारियों को इसकी जानकारी देते हुए आश्वस्त किया है कि उनका वेतन रोका या काटा नहीं जाएगा, लेकिन इसमें कुछ देर हो सकती है।
कोरोना वायरस के खतरे के चलते देशव्यापी लॉकडाउन से पहले 20 मार्च से ही आम श्रद्धालुओं के लिए बंद तिरुपति मंदिर को हर महीने कैश और हुंडियों के जरिये लगभग 200 करोड़ रुपए का दान मिलता है। ऐसे में पिछले 55 दिनों से बंदी के कारण मंदिर ट्रस्ट को लगभग 400 करोड़ रुपये के दान का अब तक नुकसान हो चुका है। दान में आई कमी की वजह से मंदिर ट्रस्ट को रोज के कामों और खर्चों में भी अब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस प्रसिद्ध मंदिर में आम दिनों में लगभग 80 हजार से एक लाख तक श्रद्धालु आते है, जिनसे हर महीने करीब 150 से 170 करोड़ रुपये का दान हुंडियों से प्राप्त होता है। इसके अलावा लड्डू प्रसादम् की बिक्री, रेस्ट हाउस, यात्री निवास आदि से होने वाली आय को मिलाकर हर महीने मंदिर को 200 से 220 करोड़ रुपये की आय होती है। इनमें से 120 करोड़ रुपए अकेले कर्मचारियों के वेतन और अन्य भत्तों पर खर्च होता है। लेकिन, लॉकडाउन के चलते 20 मार्च से ही दर्शन बंद है और सिर्फ पुजारियों और मंदिर अधिकारियों को ही प्रवेश की अनुमति है।
ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर ट्रस्ट में 21 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से आठ हजार कर्मचारी स्थायी और बाकी 13 हजार कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट आधारित हैं। इस साल फरवरी में ट्रस्ट ने मंदिर का बजट 3309 करोड़ रुपए तय किया था, जिसके तहत साल 2020-21 में कर्मचारियों के वेतन पर करीब 1300 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। लेकिन अब लॉकडाउन के कारण बाकी संस्थानों की तरह तिरुपति ट्रस्ट को भी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर ट्रस्ट कर्मचारियों के वेतन के साथ अन्य कई तरह के खर्चों में समस्या का सामना कर रहा है।
इस समस्या के बीच तिरुपति मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष वायएस सुब्बारेड्डी ने साफ कहा है कि वेतन और भत्तों के भुगतान के लिए ट्रस्ट कभी मंदिर के फिक्स डिपोजिट और गोल्ड को हाथ नहीं लगाएगा। तिरुपति देवस्थानम् ट्रस्ट के पास करीब 1400 करोड़ रुपये का कैश और लगभग 8 टन सोना रिजर्व है। इसका इस्तेमाल ट्रस्ट के खर्चों के लिए नहीं किया जाएगा।
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