अमेरिकी चुनाव में दंगों की आशंका, वाशिंगटन में दुकानों को प्लाइवुड से ढका गया, वॉलमार्ट ने स्टोर से बंदूकें हटाईं

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चिंता का माहौल है। आशंका जताई जा रही है कि चुनाव के दौरान उपद्रव और दंगे भड़क सकते हैं। कई मीडिया रिपोर्ट में ऐसी आशंका जातई जा रही है, वहीं फेसबुक वाले जकरबर्ग ने भी इस पर चिंता जताई है।

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नवजीवन डेस्क

अमेरिका से कुछ ऐसी खबरें और तस्वीरें सामने आई है जिनसे वहां उपद्रव, दंगे और बवाल होने का आशंका प्रबल हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि अगर चुनावों के नतीजे स्पष्ट नहीं आए तो अमेरिका के कई शहरों में बड़े पैमाने पर हिंसा हो सकती है। इसी के मद्देनजर अमेरिकी हाईपरमार्केट चेन वॉलमार्ट ने अपने स्टोर्स से गोला बारूद को डिस्प्ले से हटा दिया है। यानी स्टोर में घुसते ही ये चीज़ें अब नजर नहीं आएंगी।

गौरतलब है कि अमेरिका की सबसे बड़ी रिटेल चेन होने के नाते वॉलमार्ट की करीब 4700 दुकानें या स्टोर हैं, और इनमें से आधे में बंदूकों और अन्य हथियारों की बिक्री होती है। अमेरिका में बंदूकों और हथियारों की खुलेआम बिक्री की इजाजत है। ‘वॉलमार्ट’ ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि, “हमें असैन्य अशांति (सेना के बिना उपद्रव) के कुछ मामले देखे हैं, ऐसे में हमने अपने साथियों और ग्राहकों की सुरक्षा के लिए एहतियात के तौर पर बंदूक आदि और गोला बारूद को स्टोर से हटा दिया है।“

इसके अलावा अमेरिका में राष्ट्रपचि चुनाव कवर करने गए एक भारतीय पत्रकार ने भी एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में क़ई आलीशान इमारतें इन दिनों ऊबड़ खाबड़ प्लाइवुड शीट्स से ढकी हुई हैं। इसके पीछे डर है कि अगर 4 नवंबर को स्पष्ट बहुमत वाले नतीजे न आए तो बीते कुछ महीनों से चल रहे प्रदर्शनों का सिलसिला उग्र हो सकता है। बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की आशंकाएं हैं।”


वहीं कुछ सर्वेक्षणों में भी सामने आया है कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान लोगों को भय है कि हिंसा या दंगे हो सकते हैं। गुरुवार को ही फेसबुक प्रमुख मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता है कि चुनाव परिणाम को लेकर अमेरिका के लोगों का अलग-अलग रुख होगा, जिससे अशांति हो सकती है। उन्होंने कहा कि इसी के साथ फेसबुक जैसी अन्य कंपनियों को पहले उठाए गए कदमों से और आगे बढ़ने की जरूरत है।

एक अमेरिकी न्यूज वेबसाइट की खबर के मुताबिक जकरबर्ग ने कहा है कि, “फेसबुक के लिए अगला हफ्ता अग्निपरीक्षा की तरह होगा। मैं जानता हूं कि हमारा काम 3 नवंबर के बाद भी रूकेगा नहीं, इसलिए हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता और लोगों की आवाज की रक्षा के लिए लड़ना और नए खतरों का आकलन करते रहेंगे।”

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