गाजियाबाद की वेब सिटी में किसानों का हंगामा, बिना मुआवजा जबरन जमीन अधिग्रहित करने का लगाया आरोप
साल 2014 में किसानों को उचित रेट देने के विषय में समझौता किया गया था। 8 साल बाद भी समझौते की इन शर्तों को पूरा नहीं किया गया है। किसानों को उनका अधिकार नहीं दिया जा रहा है। ऐसे किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा लिया जा रहा है, जिन्होंने मुआवजा नहीं लिया है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में वेब सिटी प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की गई जमीन से प्रभावित किसानों के समर्थन में बुधवार को भारतीय किसान संगठन एकता ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान जिला प्रशासन, जीडीए और बिल्डर के खिलाफ किसानों ने खूब नारेबाजी की। पुलिस ने पहुंचकर किसानों से ज्ञापन लिया और सरकार को मांग से अवगत कराने का भरोसा दिया।
संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक यादव ने कहा कि साल 2014 में इकला, इनायतपुर आदि गांवों का वेब सिटी, जिला प्रशासन और किसानों के बीच समझौता हुआ था। इसमें भूमिहीन किसानों को प्लॉट और जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 8 फीसदी विकसित प्लॉट देने का समझौता हुआ था।
साल 2014 के समझौते में किसानों को उचित रेट देने के विषय में भी समझौता किया गया था। 8 साल बाद भी समझौते की इन शर्तों को पूरा नहीं किया गया है। किसानों को उनका अधिकार नहीं दिया जा रहा है। ऐसे किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा लिया जा रहा है, जिन्होंने मुआवजा नहीं लिया है।
किसान संगठन ने आरोप लगाया कि गाजियाबाद वेब सिटी से प्रभावित किसानों की जमीनों को षड़यंत्र के तहत जिला प्रशासन द्वारा प्राइवेट बिल्डरों को दिया जा रहा है। किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम अपना ज्ञापन पुलिस को सौंपा। इस मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा।
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