किसानों ने बुधवार को चिल्ला बॉर्डर बंद करने का किया ऐलान, सरकार पर दबाव बनाने के लिए नई रणनीति
केंद्र सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे किसानों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए नई रणनीति अपनाई है। किसानों ने ऐलान किया है कि बुधवार को दिल्ली का चिल्ला बॉर्डर बंद कर दिया जाएगा। किसान बीते 20 दिन से धरने पर हैं।
कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 20वें दिन भी जारी है। केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर अपना धरना दिया हुआ है। ऐसे में हाल ही में खुले चिल्ला बॉर्डर को किसानों ने फिर से बंद करने की चेतावनी दी है। सिंघु बॉर्डर पर हुई प्रेस वार्ता में किसान नेताओं ने दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को बुधवार को पूरी तरह से बंद करने की धमकी दी है।
किसानों ने इस बात का भी जिक्र किया है कि 20 दिसंबर को आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के लिए देश भर के गांवों में श्रद्धांजलि सभा होगी।
दरअसल किसानों ने यह कदम सरकार की तरफ से उस प्रचार के विरोध में उठाया गया है जिसमें दावा किया गया था कि किसानों के एक गुट ने कृषि मंत्री और रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद चिल्ला बॉर्डर खोलने का ऐलान किया है। किसानों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा था कि जो लोग सरकार के मंत्रियों से मिले थे, वे उनमें से नहीं थे।
इसी क्रम में अपना दबाव बनाने के लिए किसानों चिल्ला बॉर्डर फिर से बंद करने की चेतावनी दे दी है। गौरतलब है कि चिल्ला बॉर्डर बंद होने से नोएडा निवासियों के लिए खासा परेशानी खड़ी हो सकती है, क्योंकि हजारों लोग इसी बॉर्डर से रोज दिल्ली आते-जाते हैं। अगर चिल्ला बॉर्डर फिर बंद होता है तो इस रूट से सफर करने वालों को दिक्कतों से दोचार होना पड़ेगा।
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