पश्चिमी यूपी में गन्ने के मूल्यों को लेकर भड़का किसानों को गुस्सा, सड़कों पर लगा घंटों जाम
गन्ना मूल्यों की वृद्धि के मुद्दे पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान उबल पड़ा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत दर्जनों जनपदों में एक साथ प्रदर्शन और चक्का जाम हुए हैं। किसानों ने ऐलान किया है कि अगर 21 दिसंबर तक गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी न की गई तो सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा।
गन्ना मूल्यों की वृद्धि के मुद्दे पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान उबल पड़ा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत दर्जनों जनपदों में एक साथ प्रदर्शन और चक्का जाम हुए हैं। किसानों ने ऐलान किया है कि अगर 21 दिसंबर तक गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी न की गई तो सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा।
किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन के महासचिव राकेश टिकैत का कहना है कि किसान गन्ने मूल्य पर खुद के साथ हुए धोखे से तंग आ चुके हैं और अब उनका गुस्सा फूट रहा है। गौरतलब है कि पेराई सत्र 2019-20 के लिए सरकार ने 303 रुपये प्रति कुंतल गन्ने का भाव तय किया है, जिस पर किसानों को कड़ी आपति है।
वहीं किसान अब सड़क पर आकर इसके खिलाफ प्रदर्शन करने लगे हैं। आज भारतीय किसान यूनियन ने पूरे राज्य में चक्का जाम किया। भारतीय किसान यूनियन ने 14 राजमार्ग की 150 जगहों पर चक्का जाम कर दिया। जिसकी वजह से कई राजमार्गों पर घंटों जाम लग गए। लोगों को सड़कों पर घंटों वक्त गुजारना पड़ा।
बिजनौर, मुरादाबाद, हापुड़ और सहारनपुर में कई किसान नेताओं ने गन्ना मूल्य को लेकर प्रदर्शन किया। यही हाल अमरोहा में रहा जहां उमेद सिंह, डूंगर सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किया गया। वहीं संभल में भी किसानों ने सड़क जाम और प्रदर्शन किया।
इसी तरह बुलंदशहर,अलीगढ़ ,फैज़ाबाद,मेरठ, नोएडा और गाजियाबाद में भी किसानों ने गन्ना मूल्यों को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कई किसान नेताओं को हिरासत में भी लिया गया।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि लगातार तीसरे साल गन्ना मूल्यों की वृद्धि न होने से किसान नाराज़ हैं। अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उनका कहना है कि किसान चाहते हैं कि उन्हें 450 रुपए कुंतल का भाव मिले क्योंकि वर्तमान में उत्पादन लागत 300 रुपये प्रति कुंतल से ज्यादा है। धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि सरकार ने कई बार गन्ना मूल्य बढ़ाने का आश्वासन दिया मगर किसानों को इस बार भी धोखा दिया गया है और मात्र 3 रुपये बढ़ाये गए हैं। किसानों के अरबों रुपये अभी भुगतान के भी शेष है। जो उन्हें नहीं दिए गए हैं।
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने इस दौरान अलग-अलग जनपदों में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा गया।
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