किसानों ने अब महंगाई के खिलाफ बोला हल्ला, सरकार को पेट्रोल-डीजल-गैस के दाम कम नहीं होने पर नतीजे की दी चेतावनी
किसानों ने सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक पंचकूला-कालका हाईवे पर गाडि़यां खड़ी कर महंगाई के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। महिलाओं में गैस के दाम को लेकर गुस्सा इतना ज्यादा था कि पूरे हाईवे पर सिलेंडरों को पैरों से ठोकर मारकर सरकार के खिलाफ नारे लगाती रहीं।
केंद्र के विवादित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सात महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल दिया। रसोई गैस के साथ रोजाना रिकार्ड बना रहे पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को किसानों ने सरकार की नाकामी करार दिया है। एक दिन पहले 43 मंत्रियों के शपथ ग्रहण और दर्जन भर मंत्रियों की मोदी कैबिनेट से विदाई को भी किसानों ने केंद्र सरकार के असफल होने का कबूलनामा करार दिया। आक्रोशित किसानों ने कहा कि सरकार अभी भी नहीं चेतती है तो खामियाजा भुगतने के लिए वह तैयार रहे।
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों ने एक बार फिर गुरुवार को न सिर्फ सरकार को आंदोलन और तेज होने की चेतावनी दी बल्कि जता दिया कि उनका जज्बा कहीं से भी कम नहीं हुआ है। पंचकूला-कालका हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा पर पक्का मोर्चा लगाए किसानों ने गैस सिलेंडर के साथ प्रदर्शन किया। रोजाना नए आयाम तय कर रहे पेट्रोल-डीजल के दामों पर हमला बोलते हुए किसानों ने कहा कि प्रदेश और केंद्र की बीजेपी सरकारें एक तरह से डूब चुकी हैं। करीब एक दर्जन मंत्रियों से इस्तीफा लेकर और 43 मंत्रियों को शपथ दिलाकर मोदी सरकार ने मान लिया कि वह नालायक है। महंगाई जानलेवा हो चुकी है।
किसानों ने कहा कि जब भी तेल की कीमतें बढेंगी दुनिया की कोई ताकत मंहगाई नहीं रोक सकती। अपनी नाकामियों की वजह से दीवालिया हो चुकी सरकार भरपाई के लिए तेल की कीमतें बढ़ा रही है। इसका बोझ किसानों पर पड़ रहा है। पिंजौर के किसान एनएस नोकवाल का कहना था कि सबसे ज्यादा किसान ही मारा जा रहा है। मंडी जाने से लेकर हर काम में तेल का इस्तेमाल होता है। बिना डीजल के खेती-किसानी का कोई काम नहीं हो सकता। तेल के दाम 50 रुपये से ज्यादा नहीं होने चाहिए।
किसान एकता जिंदाबाद, बेरोजगारी दूर करो, डीजल-पेट्रोल की कीमतें कम करो और तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारों के जरिये किसान राज्य और केंद्र की सरकारों के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त करते रहे। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं का सबसे ज्यादा आक्रोश गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों के खिलाफ था। पिंजौर से ही आई अंजू दाहिया और नंदनी राजपूत का कहना था कि बच्चों के भूखों मरने की नौबत आ गई है। सरकार तत्काल गैस सिलेंडर के दाम कम करे।
वहीं, परवेज ने कहा कि महंगाई से अब दम निकलने लगा है। सरोज का कहना था कि सरकार नाकाम साबित हो चुकी है। प्रदर्शन में भाग लेने आई 70 वर्षीय राजिंदर कौर का कहना था कि इस सरकार ने तो बेड़ा गर्क कर दिया है। करनाल से आए हरमनवीर का कहना था कि वह किसानों के साथ हैं। सरकार को महंगाई पर लगाम लगानी चाहिए। पिंजौर के गुरजंट सिंह का कहना था कि महंगाई कम नहीं हुई तो और बड़ा आंदोलन होगा।
किसानों ने सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक पंचकूला-कालका हाईवे पर गाडि़यां खाड़ी कर महंगाई के खिलाफ अपना-अपना विरोध दर्ज कराया। काफी देर तक गाडि़यों के हार्न वह बजाते रहे। महिलाओं में गैस के दामों को लेकर गुस्सा इतना ज्यादा था कि पूरे हाईवे पर सिलेंडर को पैरों से ठोकर मारकर सरकार के खिलाफ वह अपना विरोर्ध दर्ज कराती रहीं।
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