कृषि कानून वापस नहीं लेगी सरकार, अमित शाह ने कहा- प्रस्ताव भेजेंगे, किसानों ने कल बुलाई अपनी बैठक
आंदोलनकारी किसानों और अमित शाह के बीच हुई बैठक में सरकार ने साफ कर दिया कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे। शाह ने एक प्रस्ताव भेजने की बात कही है, जिस पर किसान नेता फैसला करेंगे। इस बीच कल किसानों और सरकार के बीच होने वाली छठे दौर की वार्ता रद्द हो गई है।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार के बीच छठे दौर की वार्ता से ठीक एक दिन पहले मंगलवार देर शाम गृह मंत्री अमित शाह और किसान नेताओं के एक समूह के बीच हुई बैठक में सरकार ने एक तरह से साफ कर दिया है कि विवादित कृषि कानून वापस नहीं होंगे। सरकार किसानों को कल एक प्रस्ताव भेजेगी, जिस पर किसान नेता अपनी बैठक में फैसला लेंगे। अब कल होने वाली सरकार और किसानों के बीच बैठक नहीं होगी।
बैठक में मौजूद रहे ऑल इंडिया किसान सभा के महासिचव और किसान नेता हन्नान मोल्ला ने बताया कि सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अब कल किसानों और सरकार के बीच कोई बैठक नहीं होगी। गृह मंत्री ने कहा है कि कल किसानों को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा। किसान नेता सरकार के उस प्रस्ताव पर एक बैठक करेंगे और फैसला लेंगे।
हन्नान मोल्लाह ने बताया कि अमित शाह के साथ हुई बैठक के नतीजों और ताजा हालात को लेकर कल सभी किसान नेता सिंघू सीमा (दिल्ली-हरियाणा सीमा) पर दोपहर 12 बजे एक बैठक करेंगे। इस बैठक में सरकार के प्रस्ताव पर फैसले के साथ ही किसान नेता अपने आंदोलन की आगे की रणनीति तय करेंगे।
बता दें कि आज किसानों के भारत बंद के बीच अचानक दोपहर बाद गृह मंत्री अमित शाह ने 13 किसान नेताओं को शाम 7 बजे बैठक के लिए बुलाया था। बैठक रात 8 बजे राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा में आरंभ हुई और दो घंटे से ज्यादा समय तक चली। इस बैठक में शामिल किसान नेताओं में 8 पंजाब से थे, जबकि 5 देश भर के अन्य किसान संगठनों से संबंधित थे। बैठक में हन्नान मोल्लाह और भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत भी शामिल थे।
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