नूंह में जिस पर हिंसा भड़काने का है आरोप, किसान संघों ने की उस मोनू मानेसर को गिरफ्तार करने की मांग
भारतीय किसान मजदूर संघ द्वारा आयोजित इस महापंचायत में हिंदू, मुस्लिम और सिखों ने हिस्सा लिया। बैठक में संकल्प लिया गया कि सभी धर्मों के लोग शांति बहाल करने के लिए काम करेंगे।
हरियाणा के नूंह में हिंसा के बाद फिलहाल शांति है, लेकिन माहौल तनावपूर्ण हैं। यही वजह है कि हिंसा प्रभावित इलाकों में अभी भी बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। जिस आदमी पर वीडियो जारी कर हिंसा भड़काने का आरोप लगा था उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। उसका नाम मोनू मानेसर है। इस बीच कई किसान संघों और खाप पंचायतों ने शांति की अपील की है और गौरक्षक मोनू मानेसर को गिरफ्तार किया जाए।
हरियाणा के खापों, किसान संघों और धार्मिक नेताओं की एक सभा ने हिंसा की निंदा करने के लिए हिसार में एक 'महापंचायत' आयोजित की और क्षेत्र में शांति और सद्भाव के लिए कई प्रस्ताव पारित किए। भारतीय किसान मजदूर संघ द्वारा आयोजित इस महापंचायत में हिंदू, मुस्लिम और सिखों ने हिस्सा लिया। बैठक में संकल्प लिया गया कि सभी धर्मों के लोग शांति बहाल करने के लिए काम करेंगे।
हाल ही में महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और झज्जर जिलों में कुछ पंचायत प्रमुखों द्वारा कथित तौर पर लिखे गए पत्र ऑनलाइन सामने आए थे। इन पत्रों में दावा किया गया था कि पंचायतों ने मुस्लिम व्यापारियों को उनके गांवों में व्यापार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। नूंह में सांप्रदायिक हिंसा से निपटने के हरियाणा सरकार के तरीके की किसान यूनियनों ने आलोचना की हैं। वहीं, खापों की मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ खापों ने मुस्लिम व्यापारियों के बहिष्कार का समर्थन किया है, जबकि अन्य ने हिंसा की निंदा की है और मानेसर की गिरफ्तारी की मांग की है। मुख्य रूप से जाट समुदाय से जुड़ी खापें मानेसर की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं और सांप्रदायिक सौहार्द की अपील कर रही हैं।
31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा में 6 लोगों की जान चली गई थी, जब विश्व हिंदू परिषद के जुलूस पर भीड़ ने हमला कर दिया था। मृतकों में दो होम गार्ड और एक मस्जिद के इमाम शामिल हैं। मोनू मानेसर इस साल की शुरुआत में दो मुस्लिम व्यक्तियों की हत्या में वांछित है। नूंह में अफवाहें थीं कि मोनू मानेसर नूंह में धार्मिक जुलूस में शामिल होगा, जिससे कथित तौर पर शहर में सांप्रदायिक झड़पें भड़क उठीं। बाद में गुरुग्राम और अन्य इलाकों तक फैल गईं। हिंसा मामले में अब तक 113 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 305 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस 106 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है, लेकिन अब तक मोनू मानेसर को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
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