क्या सच में  गर्मी में गाड़ियों का पेट्रोल टैंक फुल करवाने से लग सकती है आग? जानिए क्या है सच्चाई 

उपरोक्त संदेश को व्हाट्सअप पर साझा किया जा रहा है, जिसमें नागरिको को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि वे अपने वाहनों में अधिकतम सीमा तक इंधन ना डलवाये, क्योंकि इससे तापमान बढ़ने के कारण विस्फोट हो सकता है। इस संदेश को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का बताकर साझा किया गया है।

फोटो: सोेशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

आने वाले दिनों में तापमान में वृद्धि होना तय है, इसलिए अपने वाहन में पेट्रोल अधिकतम सीमा तक न भरवायें। यह ईंधन टैंक में विस्फोट का कारण बन सकता है। कृपया आप अपने वाहन में आधा टैंक ही ईंधन भरवायें और एयर के लिए जगह रखें। इस हफ्ते 5 विस्फोट दुर्घटनाओं की वजह , अधिकतम पेट्रोल भरने से हुआ है। कृपया पेट्रोल टंकी को दिन में एक बार खोलकर अंदर बन रही गैस को बाहर निकलने दे।

नोट: इस मैसेज को आप अपने परिवार सदस्यों व अन्य सभी को भेजें, जिससे लोग इस दुर्घटना से बच सकें धन्यवाद”

क्या सच में  गर्मी में गाड़ियों का पेट्रोल टैंक फुल करवाने से लग सकती है आग? जानिए क्या है सच्चाई 

उपरोक्त संदेश को व्हाट्सअप पर साझा किया जा रहा है, जिसमें नागरिको को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि वे अपने वाहनों में अधिकतम सीमा तक इंधन ना डलवाये, क्योंकि इससे तापमान बढ़ने के कारण विस्फोट हो सकता है। इस संदेश को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का बताकर साझा किया गया है।

ऑल्ट न्यूज ने इस खबर की पड़ताल की है। ऑल्ट न्यूज के मुताबकि यह संदेश 2016 में भी फेसबुक पर वायरल था, जिसमें पेट्रोल पंप पर एक बाइक खड़ी है, जिसमें आग लगने के तुरंत बाद उसे बुझा दिया गया था। 2018 में इसी दावे को एक अन्य वीडियो के साथ साझा किया गया था।

इस दावे को 2016 में भी ट्विटर पर देखा गया था।

क्या सच में  गर्मी में गाड़ियों का पेट्रोल टैंक फुल करवाने से लग सकती है आग? जानिए क्या है सच्चाई 

इंडियन ऑइल की सफाई

राज्य द्वारा संचालित ऑइल एंड गैस कंपनी ने जून 2018 में ट्विटर पर अपना एक स्पष्टीकरण जारी किया था, इस बयान को उन्होंने ख़ारिज कर दिया था। आगे उन्होंने इस पर बताया था कि वाहन में अधिकतम सीमा तक इंधन भरवाना पूरी तरह से सुरक्षित है।

इसमें वैज्ञानिक तर्क मौजूद नहीं

यह दावा कि वाहन में अधिकतम सीमा तक पेट्रोल भरवाने से आग लग सकती है, इसमें वैज्ञानिक समझ का अभाव है। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्वतः आग लगने का तापमान (एक चिंगारी या लौ के बिना किसी भी गैस या वायु में आग प्रज्वलित करने के लिए आवश्यक न्यूनतम तापमान) पेट्रोल के लिए यह तापमान 495°F या 257°C है, जबकि एक आवरीत टैंक को गरम होने के लिए अधिकतम तापमान की जरुरत होती है, अभी तक पृथ्वी पर अधिकतम तापमान 56.7°C (134°F) पाया गया है, जिसे 10 जुलाई, 1913 को ग्रीनलैंड रैंच, डेथ वैली, कैलिफोर्निया, यूएसए में नापा गया था।


पाकिस्तान और यूएई में भी वायरल

यह दावा कि अधिकतम सीमा तक पेट्रोल भरवाने से आग लग सकती है, सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी किया गया था। मई 2018 में, पाकिस्तान स्टेट ऑइल ने अपने अधिकारिक फेसबुक अकाउंट से यह स्पष्ट किया था कि उन्होंने ग्राहकों को ऐसी कोई भी चेतावनी नहीं दी है।

यूएइ में ये अफवाहें 2012 में वायरल हुई थी, जिसमें ग्राहकों को अपने इंधन टैंक को भरने को लेकर ईमेल के जरिए चेतावनी दी गई थी। इंडियन ऑयल कॉर्प. लि. ने ऐसी कोई भी चेतावनी साझा नहीं की है, जिसमें ग्राहकों को अपने इंधन टैंक को पूरा भरने से बचना चाहिए। इन अफवाहों को मुख्य रूप से व्हाट्सअप पर ही साझा किया गया है।

नोट: सबसे पहले ऑल्ट न्यूज ने इस फर्जी खबर के बारे में जानकारी दी थी

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