एक्सक्लूसिव: सरकारी ‘ड्यूटी’ पर हुई थी जज लोया की मौत, नई याचिका का दावा

खबरों में यही कहा गया था कि सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया शादी में शामिल होने के लिए नागपुर गए थे, अब सतीश यूइके की याचिका यह दावा करती है कि जज लोया सरकारी काम से वहां गए थे।

फोटो: सोशल मीडिया 
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विश्वदीपक

राज्य सरकार के एक आधिकारिक पत्र का हवाला देते हुए नागपुर के वकील सतीश यूइके ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका देकर सीबीआई जज बीएच लोया की मौत के मामले में उपयुक्त मुआवजा देने की मांग की है। याचिका में यह दावा किया गया है कि जज लोया की मृत्यु ड्यूटी पर हुई थी।

नागपुर गए जज लोया की रहस्यमयी मृत्यु ने पूरे देश को हिला दिया था, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वतंत्र जांच की मांग को कुछ महीनों पहले खारिज कर दिया था। इस मामले में बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका उच्चतम अदालत में लंबित है।

जज लोया सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे। इस केस में अन्य लोगों के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी आरोपी थे। एक सुनवाई के दौरान जज लोया ने अमित शाह के वकील को फटकार लगाई थी। इसके कुछ दिनों बाद ही जज लोया की मृत्यु हो गई थी। सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर मामले में डिस्चार्ज याचिका की सुनवाई करते हुए जज लोया ने अगली तारीख पर शाह को उपस्थित होने का भी आदेश भी दिया था।

लेकिन,दिवंगत जज लोया के परिवार वाले और राज्य सरकार ने भी लगातार यह कहा कि जज लोया एक शादी में शामिल होने के लिए नागपुर गए थे। यूइके ने अब दावा किया है कि नागपुर के वीआईपी अतिथि गृह ‘रवि भवन’ में वीआईपी सूट आरक्षित कराने के लिए दिए गए पत्र में यह कहा गया है कि जज लोया ‘सरकारी काम के सिलसिले में’ नागपुर गए थे।

नेशनल हेरल्ड के पास 27 नवंबर 2014 को महाराष्ट्र सरकार के कानून विभाग में काम करने वाली डेस्क अधिकारी श्रीमती ईएम भार्गव के हस्ताक्षर से जारी उस पत्र की प्रति है।

पत्र में कहा गया था:

“महोदय, उपरोक्त विषय के सिलसिले में आपको ऐसा बताया जाता है कि मुंबई से माननीय श्री बीएच लोया और माननीय श्री विनय जोशी, दोनों मुंबई के जिला एवं सत्र जज, 30.11.2014 की अहले सुबह से 01.12.2014 की 7 बजे सुबह तक सरकारी काम के लिए वहां रहेंगे। यह आग्रह किया जाता है कि उनके रहने के लिए एक बिस्तरों वाले एक वातानुकूलित वीआईपी सूइट आरक्षित रखें।”

एक्सक्लूसिव:  सरकारी ‘ड्यूटी’ पर हुई थी जज लोया की मौत, नई याचिका का दावा

इस पत्र की एक प्रति को जरूरी कार्रवाई के लिए डिप्टी कलेक्टर (प्रोटोकॉल) को भेजा गया था।

एक्सक्लूसिव:  सरकारी ‘ड्यूटी’ पर हुई थी जज लोया की मौत, नई याचिका का दावा
एक्सक्लूसिव:  सरकारी ‘ड्यूटी’ पर हुई थी जज लोया की मौत, नई याचिका का दावा
एक्सक्लूसिव:  सरकारी ‘ड्यूटी’ पर हुई थी जज लोया की मौत, नई याचिका का दावा

जज लोया को 1 जनवरी, 2014 को मृत घोषित कर दिया गया था।

जज लोया की बहनों और पिता समेत कुछ परिवार वालों द्वारा गड़बड़ी के आरोपों के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट में स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए एक याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस याचिका को उच्चतम अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था।

अब यूइके की याचिका में कहा गया है, “याचिकाकर्ताओं ने प्रतिवादी संख्या- 1 से यह प्रार्थना करने के लिए त्वरित जनहित याचिका का रास्ता चुना है कि दिंवगत जज श्री बृजगोपाल हरकिशन लोया के परिवार वालों को आर्थिक मुआवजा दिया जाए क्योंकि उनकी मृत्यु सेवा के दौरान हुई थी, वे उस वक्त (01.12.2014) महाराष्ट्र राज्य के सरकारी काम पर थे और दिवंगत जज के परिवार वाले को सहानुभूति के आधार पर सरकारी सेवा भी प्रदान की जाए।”

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