आबकारी नीति घोटाला: HC ने सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर ईडी, सीबीआई से जवाब मांगा
सिसोदिया ने एक अंतरिम आवेदन में अदालत से अनुरोध किया था कि वह निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखे, जिसमें उन्हें अपनी याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान हिरासत में रहते हुए बीमार पत्नी से सप्ताह में एक बार मिलने की अनुमति दी गई थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार एवं धनशोधन मामलों में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने निचली अदालत के 30 अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली सिसोदिया की याचिकाओं पर सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया। निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। मामले की सुनवाई आठ मई तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
सिसोदिया ने एक अंतरिम आवेदन में अदालत से अनुरोध किया था कि वह निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखे, जिसमें उन्हें अपनी याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान हिरासत में रहते हुए बीमार पत्नी से सप्ताह में एक बार मिलने की अनुमति दी गई थी।
ईडी के वकील ने कहा कि अगर निचली अदालत का आदेश बरकरार रखा जाता है तो जांच एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद न्यायमूर्ति शर्मा ने अनुरोध स्वीकार कर लिया।
निचली अदालत ने रद्द हो चुकी 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में क्रमशः सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार व धन-शोधन मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
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