चुनावी राज्यों के हालात पर चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट, विचार के बाद होगा इलेक्शन का फैसला
बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए नवंबर में चुनाव संभावित हैं। उससे पहले मध्य प्रदेश और गुजरात में खाली हुई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। नियमों के तहत 6 महीने के अंदर उपचुनाव कराना जरूरी है। ऐसे में इन राज्यों में सितंबर तक उपचुनाव कराए जाने की पूरी संभावना है।
भारतीय निर्वाचन आयोग ने उन राज्यों के चुनाव अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जहां आगामी समय में विधानसभा चुनाव या उपचुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने राज्यों के हालात की समीक्षा करने के लिए यह रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट की समीक्षा के बाद ही आयोग इन राज्यों में चुनाव या उपचुनाव कराने का फैसला लेगा।
चुनाव आयोग से जुड़े एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि आयोग ने बिहार, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे प्रदेशों के राज्य निर्वाचन आयुक्तों को पत्र लिखकर पूछा है कि राज्य के हालात कैसे हैं और कोरोना वायरस की चुनौती के बीच किस तरह से चुनाव कराए जा सकते हैं? बूथों पर सोशल डिस्टेंसिंग के पालन से जुड़े सुझावों के साथ पूरी रिपोर्ट तलब की गई है।
चुनाव आयोग से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, "संबंधित राज्यों के चुनाव अधिकारियों से राज्य के हालात पर रिपोर्ट मांगी गई है। राज्यों की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद चुनाव आयोग इस मसले पर फैसला करेगा। हालांकि, ऐसे राज्यों के चुनाव और उपचुनाव होने में अभी कुछ महीने बाकी हैं। तब तक स्थितियां कुछ और बेहतर हो सकती हैं। लेकिन आयोग इस मसले पर प्रो-एक्टिव है।"
आयोग के एक अधिकारी ने कहा, "आयोग, स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर संबंधित राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठकर ही चुनाव कार्यक्रम पर फैसला करेगा। केंद्र और राज्य सरकारों की सभी गाइडलाइंस का पालन करते हुए चुनाव कराने की रणनीति तय होगी।"
बता दें कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए नवंबर में चुनाव संभावित हैं। उससे पहले बिहार और गुजरात में खाली हुई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। वहीं, मध्य प्रदेश में मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जबकि दो विधायकों का निधन हो चुका है। यहां भी कुल 24 सीटों पर चुनाव होना है। इसी तरह से गुजरात में भी राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से आठ सीटें खाली हो गई हैं।
नियमों के अनुसार छह महीने के अंदर उपचुनाव कराना जरूरी है। ऐसे में दोनों राज्यों में सितंबर तक उपचुनाव कराए जाने की संभावना है। लेकिन कोरोना वायरस की चुनौती के कारण चुनावों को लेकर अटकलें लग रही हैं कि आयोग समय से ही इलेक्शन कराने में सफल होगा या फिर तिथि आगे बढ़ाई जाएगी।
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