बीजेपी के हिमंत सरमा पर चुनाव आयोग ने पलटा फैसला, प्रचार पर रोक को 24 घंटे कम किया
चुनाव आयोग ने असम चुनाव के दौरान विवादित बयान के लिए बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा के प्रचार पर 48 घंटे के लिए रोक लगाने के फैसले को पलट दिया है। नए आदेश में चुनाव आयोग ने बीजेपी नेता के प्रचार करने पर रोक की अवधि को 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे कर दिया है।
असम चुनाव के दौरान विपक्षी नेता पर अपमानजनक टिप्पणी के लिए बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा के प्रचार करने पर 48 घंटे तक रोक लगाने के अपने फैसले को चुनाव आयोग ने 24 घंटे में ही पलट दिया है। अपने नए आदेश में आयोग ने बीजेपी नेता के चुनाव प्रचार करने पर प्रतिबंधमें 24 घंटे की कमी कर दी है।
इससे पहले सरमा ने चुनाव आयोग से आग्रह किया था कि "मेरी ओर से एमसीसी (आदर्श आचार संहिता) का पालन करने का आश्वासन स्वीकार करें। चुनाव अभियान से रोक की अवधि को 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे करने की कृपा करें।" सरमा ने इस आधार पर निवेदन किया था कि वह स्वयं जालुकबाड़ी विधानसभा क्षेत्र से एक उम्मीदवार हैं, जहां 6 अप्रैल को मतदान है।
चुनाव आयोग ने कहा, "आयोग ने आपकी बिना शर्त माफी और आश्वासन पर विचार करते हुए 2 अप्रैल, 2021 के अपने आदेश को संशोधित कर दिया है और चुनाव अभियान पर लगी रोक की अवधि को 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे कर दिया है। आपको आयुक्त के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाता है।"
बता दें कि बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के हगरामा मोहिलरी को धमकी देने के आरोप में शुक्रवार को चुनाव आयोग ने सरमा को 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार से रोक दिया था। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को अपने आदेश में सरमा को दो अप्रैल से तत्काल प्रभाव से 48 घंटे तक किसी भी सार्वजनिक सभा, रोड शो, मीडिया साक्षात्कार, सार्वजनिक जुलूस और सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करने से रोक दिया था। कांग्रेस और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट असम में गठबंधन सहयोगी हैं।
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