कॉरपोरेट कर में कटौती से दो लाख करोड़ रुपये अरबपतियों की जेब में गएः कांग्रेस

एक दिन पहले सीबीडीटी के आंकड़ों में दिखाया गया है कि 5,74,357 करोड़ रुपये (11 जुलाई, 2024 तक) का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ है, जिसमें 2,10,274 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट आयकर और रिफंड को छोड़कर, 3,46,036 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर शामिल है।

कॉरपोरेट कर में कटौती से दो लाख करोड़ रुपये अरबपतियों की जेब में गएः कांग्रेस
कॉरपोरेट कर में कटौती से दो लाख करोड़ रुपये अरबपतियों की जेब में गएः कांग्रेस
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने व्यक्तिगत आयकर संग्रह के कॉरपोरेट कर संग्रह से अधिक होने को लेकर रविवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार में कॉरपोरेट कर में कटौती से दो लाख करोड़ रुपये अरबपतियों की जेब में चले गए हैं, जबकि मध्यम वर्ग पर भारी कर का बोझ जारी है।

विपक्षी पार्टी ने सरकार पर यह हमला ऐसे वक्त किया है, जब एक दिन पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के आंकड़ों में दिखाया गया है कि 5,74,357 करोड़ रुपये (11 जुलाई, 2024 तक) का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ है, जिसमें 2,10,274 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट आयकर और रिफंड को छोड़कर, 3,46,036 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर शामिल है।

कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, ‘‘बजट की तारीख़ धीरे-धीरे नजदीक आ रही है, 23 जुलाई को इसे पेश किया जाना है। जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि एक अप्रैल से एक जुलाई 2024 के दौरान सकल व्यक्तिगत आयकर संग्रह 3.61 लाख करोड़ रुपए था, जबकि सकल कॉरपोरेट कर संग्रह 2.65 लाख करोड़ रुपए रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह उस बात की फिर से पुष्टि करता है जिसे हम लगातार कहते आ रहे हैं-लोग कंपनियों की तुलना में अधिक कर का भुगतान कर रहे हैं।’’


रमेश ने कहा, ‘‘जब डॉ. मनमोहन सिंह ने (प्रधानमंत्री का) पद छोड़ा था तब व्यक्तिगत आयकर कुल कर संग्रह का 21 प्रतिशत था, जबकि कॉरपोरेट कर 35 प्रतिशत। आज कुल कर संग्रह में कॉरपोरेट कर का हिस्सा तेजी से गिरकर एक दशक के सबसे निचले स्तर मात्र 26 प्रतिशत पर आ गया है।’’ उन्होंने कहा कि इस बीच कुल कर संग्रह में व्यक्तिगत आयकर की हिस्सेदारी बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि 20 सितंबर 2019 को कॉरपोरेट कर में इस उम्मीद से कटौती की गई कि इससे निजी निवेश में उछाल आएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। इसके बजाय, निजी निवेश डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में सकल घरेलू उत्पाद के 35 प्रतिशत के उच्च स्तर से गिरकर 2014-24 के दौरान 29 प्रतिशत से भी नीचे आ गया है। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट कर में कटौती से अरबपतियों की जेब में दो लाख करोड़ रुपए गए हैं, जबकि मध्यम वर्ग कर का भारी बोझ झेल रहा है।’’

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