बिहार में बाढ़ से भारी तबाही, अब तक 33 लोगों की गई जान, ये इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित
बिहार के शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, मुज्जफरपुर, सहरसा, कटिहार आर पूर्णिया जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। कई इलाकों में तो बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि कुछ जिलों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न होना शुरू हुआ है।
बिहार के उत्तरी हिस्सों के करीब सभी जिलों में बाढ़ का कहर जारी है। नेपाल से आने वाली नदियां उफान पर हैं। ऐसे में दूसरे इलाकों में भी बाढ़ के पानी ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। राज्य के 12 जिलों के 79 प्रखंडों में स्थित 575 पंचायतों तक बाढ़ का असर देखा जा रहा है। बाढ़ से करीब 26 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। इस दौरान बाढ़ के पानी में डूबने से 33 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों घर तबाह हो चुके हैं।
राज्य के शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, मुज्जफरपुर, सहरसा, कटिहार आर पूर्णिया जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। कई इलाकों में तो बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि कुछ जिलों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न होना शुरू हो गया है।
वहीं, नेपाल से आने वाली नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी जा रही है। बिहार जल संसाधन विभाग के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, वहीं कमला बलान नदी जयनगर, झंझारपुर में तथा महानंदा ढेंगराघाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कोसी के जलस्तर में हालांकि बुधवार को कमी देखी गई। कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास बुधवार सुबह 6 बजे 1.59 लाख क्यूसेक था, जो 8 बजे 1.47 लाख क्यूसेक हो गया।
इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव का काम जारी है। राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 26 टीमें लगाई गई हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 185 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 1.12 लाख से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। इसके अलावा 812 सामुदायिक रसोइयां स्थापित की गई हैं।
इस बीच मुज्जफरपुर जिले में बागमती नदी के उफान से कटरा और औराई में बाढ़ की स्थिति और भी नाजुक हो गई है। पूर्वी चंपारण के अन्य इलाकों में भी पानी तेजी से रिहायशी इलाकों की ओर बढ़ रहा है।
दरभंगा और मधुबनी में लोग सड़कों पर शरण लिए हुए हैं। इस बीच, सुपौल, किशनगंज, मधेपुरा और सहरसा में पानी का दबाव कम हुआ है, लेकिन कटिहार और अररिया के ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में भी प्रवेश कर गया है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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Published: 17 Jul 2019, 3:29 PM