शाहीन बाग में ड्रग्स बरामदगी से एक बार फिर गुजरात का मुंद्रा पोर्ट फोकस में, जहां बरामद हुआ था 25000 करोड़ का ड्रग्स
शाहीन बाग में ड्रग्स बरामदगी के बाद एक बार फिर फोकस गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर आ गया है जहां बीते सात महीने में 25000 करोड़ से ज्यादा के नशीले पदार्थ बरामद हो चुके हैं। लेकिन हैरत की बात है कि गुजरात के मामले पर बीजेपी एकदम खामोश है।
राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा 100 करोड़ से ज्यादा कीमत के ड्रग्स पकड़े जाने के बाद इस मामले में अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया और गुटों के शामिल होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
शाहीन बाग दिल्ली का एक मुस्लिम बहुल इलाका है और सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शन और धरने के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर है। लेकिन गुरुवार के इस इलाके से भारी मात्रा में नशीले पदार्थ और लाखों की नकदी बरामद होने के बाद यह इलाका एक बार फिर चर्चा में है। एनसीबी का कहना है कि इस मामले में ‘नार्को-टेररिज्म’ यानी ड्रग्स और आतंकवादी समूहों के गठजोड़ की संभावना है।
लेकिन बीते कुछ महीनों के दौरान बीजेपी शासित गुजरात से बरामद ड्रग्स की मात्रा को देखते हुए कहा जा सकता है कि शाहीन बाग से ड्रग्स की बरामदगी सिर्फ नमूना भर है। ड्रग कार्टेल यानी ड्रग्स का धंधा करने वालों का सही अड्डा तो गुजरात तट के अरब सागर में है जिसकी सीमाएं पाकिस्तान-ईरान बॉर्डर से लगती हैं।
एनसीबी के डायरेक्टर एस एन प्रधान ने शाहीन बाग में ड्रग्स बरामदगी के बाद मीडिया को बताया कि, ‘इस मामले में नार्को-टेररिज्म माड्यूल के शामिल होने की संभावना है...’ उनके मुताबिक इस नेटवर्क में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और मध्य पूर्व के लोग शामिल हो सकते हैं। लेकिन फिलहाल इस सबकी जांच की जा रही है। प्रधान ने मीडिया से बातचीच में संकेत दिया कि इस पूरे धंधे का एक महत्वपूर्ण पड़ाव गुजरात है।
एक अनुमान के मुताबिक बीते साल यानी 2021 के सितंबर तक गुजरात में करीब 25000 करोड़ के नशीले पदार्थ पकड़े जा चुके हैं।
एक नजर डालते हैं गुजरात में पकड़े गए ड्रग्स पर-
मार्च 2021
दक्षिणी गुजरात के समुद्री तट इलाके में कोस्ट गार्ड यानी तट रक्षकों ने एक नाव से करीब 3000 करोड़ के ड्रग्स और पांच एके-47 राइफलें बरामद कीं। जांच में सामने आया कि जिस नाव से यह बरामदगी हुई वह मिनिकोय आईलैंड से आई थी। इसमें मिले ड्रग्स श्रीलंकाई नागरिकों के थे। इस मामले में 19 लोग गिरफ्तार किए गए थे।
सितंबर 2021
सितंबर 2021 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर भारी मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी हुई, जिसकी कीमत 21,000 करोड़ आंकी गई थी। यह पोर्ट उद्योगपति गौतम अडानी के स्वामित्व वाला है।
वैसे यह किसी को नहीं पता है कि इतनी भारी मात्रा में बरामद ड्रग्स का क्या किया गया, लेकिन मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। द हिंदू अखबार के मुताबिक इस बरामदगी के तार विजयवाड़ा के मध्यमवर्गीय इलाके में रजिस्टर्ड एक अनाम सी कंपनी आशी ट्रेडिंग से जुड़े पाए गए थे। अखबार ने लिखा था कि इस केस में छोटी मछलियों को तो पकड़ा गया लेकिन कुल मिलाकर जांच अंधेरी खाई में जाकर खत्म हो गई।
दिसंबर 2021
एक बार फिर गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर करीब 400 करोड़ का ड्रग्स पकड़ा गया। इस बार बरामदगी आधी रात में गुजरात एटीएस द्वारा किए गए एक ऑपरेशन के बाद एक पाकिस्तानी नाव से हुई थी।
अप्रैल 2022
इसी साल इसी महीने गुजरात में दो अलग-अलग जगहों से 1700 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद होने की खबरें सामने आई थीं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक करीब 1439 करोड़ का ड्रग्स गुजरात के कांडला पोर्ट से बरामद हुआ था। इस मामले में डीआरआई द्वारा किए गए सर्च अभियान के बाद पंजाब के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस अधिकारियों का कहना था कि ड्रगस् को ईरान से कांडला पोर्ट पहुंचे 17 कंटेनरों में छिपाकर रखा गया था। और इसकी आमद सिंतबर-अक्टूबर 2021 में हुई थी।
इसके अलावा एक अन्य मामले में गुजरात एटीएस और कोस्ट गार्ड के साझा अभियान में पाकिस्तान की एक नाव से करीब 300 करोड़ का ड्रग्स बरामद हुआ था। इस केस में 9 पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था।
गुजरात के हालात पर नजर रखने वालों का कहना है कि बीते 7 माह के दौरान गुजरात में करीब 25,000 करोड़ का ड्रग्स बरामद हो चुका है। एक विश्लेषक ने कहा कि, “आखिर गुजरात से इतनी भारी मात्रा में निरंतर ड्रग्स की बरादमगी किस बात का संकेत है। दरअसल गुजरात ड्रग्स तस्करी और पड़ाव का अहम हब बन हया है। इसे भी बड़ा सवाल है कि आखिर बीते 20 साल से गुजरात में सत्तासीन बीजेपी इस मामले पर खामोश क्यों है।”
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