DMK ने NEET को समाप्त करने की मांग उठाई, अभिनेता विजय ने विधानसभा में प्रस्ताव का समर्थन किया

नीट तमिलनाडु में एक संवेदनशील मुद्दा रहा है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में कई अभ्यर्थियों ने या तो परीक्षा में असफल होने या उत्तीर्ण होने में असमर्थ होने के डर से आत्महत्या कर ली। डीएमके और एआईएडीएमके सहित सभी प्रमुख राजनीतिक दल नीट का विरोध कर रहे हैं।

DMK ने NEET खत्म करने की मांग उठाई, अभिनेता विजय ने विधानसभा में पास प्रस्ताव का समर्थन किया
DMK ने NEET खत्म करने की मांग उठाई, अभिनेता विजय ने विधानसभा में पास प्रस्ताव का समर्थन किया
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पीटीआई

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम (डीएमके) ने बुधवार को कहा कि नीट परीक्षा का विरोध अब अखिल भारतीय मुद्दा बन गया है और उसे इसके समाप्त होने जैसे किसी अच्छे परिणाम की उम्मीद है। वहीं मशहूर तमिल अभिनेता विजय ने भी नीट परीक्षा के खिलाफ तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव का समर्थन किया। डीएमके की छात्र इकाई ने नीट परीक्षा समाप्त करने की मांग करते हुए राज्य में प्रदर्शन किया, वहीं अन्नाद्रमुक और बीजेपी ने इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ पार्टी पर लोगों को गुमराह करने और नाटक करने का आरोप लगाया।

नीट तमिलनाडु में एक संवेदनशील मुद्दा रहा है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में कई अभ्यर्थियों ने या तो परीक्षा में असफल होने या उत्तीर्ण होने में असमर्थ होने के डर से कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। डीएमके और एआईएडीएमके सहित सभी प्रमुख राजनीतिक दल नीट का विरोध कर रहे हैं। डीएमके लंबे समय से नीट का विरोध कर रही है। उसका दावा है कि यह परीक्षा सामाजिक न्याय और राज्य के अधिकारों के खिलाफ है। पार्टी चाहती है कि मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए 12वीं कक्षा में प्राप्तांक को मानदंड बनाया जाए।

डीएमके के विरोध प्रदर्शन की अगुवाई पार्टी की छात्र इकाई के सचिव और कांचीपुरम से विधायक सीवीएमपी एझिलारसन ने की। प्रदर्शनकारियों ने काले परिधान पहन रखे थे। डीएमके के संगठन सचिव आर एस भारथी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। इससे कुछ दिन पहले तमिलनाडु विधानसभा ने एक और प्रस्ताव पारित कर राज्य को नीट से छूट देने की मांग की गई है।

उन्होंने कहा कि डीएमके नीट की शुरुआत के बाद से ही इसका विरोध कर रही है और यह परीक्षा दिवंगत पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के समय तमिलनाडु में ‘‘प्रवेश नहीं कर सकती थी।’’ यही स्थिति तब थी जब दिवंगत अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जे जयललिता की सरकार थी। तमिझगा वेत्री कझगम (टीवीके) के संस्थापक और मशहूर तमिल अभिनेता विजय ने भी नीट परीक्षा का विरोध करते हुए इसके खिलाफ तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव का समर्थन किया।


तमिलनाडु विधानसभा ने राज्य को केंद्र सरकार द्वारा आयोजित इस मेडिकल प्रवेश परीक्षा से छूट देने का प्रस्ताव पारित किया है। दसवीं और 12वीं कक्षा के प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विजय ने कहा कि शिक्षा को राज्य की सूची में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के आने के बाद से तमिलनाडु के छात्र, विशेष रूप से निर्धन विद्यार्थी और ग्रामीण क्षेत्रों में पिछड़े और अति पिछड़े विद्यार्थी चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने के अपने उद्देश्य में बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षा को 1975 में समवर्ती सूची में शामिल किया गया था और नीट राज्यों के अधिकारों के खिलाफ है। विजय ने सवाल किया कि राज्य के पाठ्यक्रम और स्थानीय भाषा में अध्ययन करने वाला कोई छात्र ‘एनसीईआरटी’ पाठ्यक्रम के आधार पर केंद्र सरकार की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक पाठ्यक्रम’ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, ‘‘पाठ्यक्रम राज्य केंद्रित होना चाहिए। इसमें विभिन्न दृष्टिकोणों को महत्व दिया जाना चाहिए। विविधता शक्ति होती है, कमजोरी नहीं।’’

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