डीजीसीए का एयरलाइंस को फरमान- बीच की सीट खाली रखें
विमानन नियामक डीजीसीए ने सोमवार को विमानन कंपनियों से कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए उड़ानों में बीच की सीटों को जहां तक मुमकिन हो, खाली रखा जाए।
विमानन नियामक डीजीसीए ने सोमवार को विमानन कंपनियों से कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए उड़ानों में बीच की सीटों को जहां तक मुमकिन हो, खाली रखा जाए।डीजीसीए ने अपने आदेश में कहा कि अगर यात्रियों की संख्या ज्यादा है और किसी यात्री को बीच की सीट आवंटित की जाती है तो अतिरिक्त एहतियाती उपकरण मुहैया कराए जाएं। इसमें शरीर को कवर करने वाला गाउन भी दिया जाए जो वस्त्र मंत्रालय के मानकों के अनुरूप हो। इसके साथ ही मास्क और फेस शील्ड भी देने की बात भी की गयी है। आदेश की प्रति पीटीआई के पास है।
उड़ानों में बीच की सीटों को खाली रखने या नहीं रखने की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने 25 मई को कहा था कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) यात्रियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के हित में अपने मानदंडों में बदलाव करने के लिए स्वतंत्र है।
डीजीसीए ने सोमवार को अपने आदेश में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, "विमानन कंपनियां सीटों को इस तरह से आवंटित करेंगी कि दो यात्रियों के बीच की सीट खाली रखी जाए, अगर यात्री भार और सीटों की क्षमता अनुमति देती हो।’’
हालांकि कहा कि एक ही परिवार के सदस्यों को साथ बैठने की अनुमति दी जा सकती है।आदेश में कहा गया है कि विमानन कंपनियां प्रत्येक यात्री को एक सुरक्षा किट मुहैया कराएंगी। इसमें सर्जिकल मास्क, फेस शील्ड पर्याप्त मात्रा में सैनेटाइज़र शामिल होगा।
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