बात करने की जगह किसानों को धमकाया-पीटा जा रहा, आंदोलन रुकेगा नहीं, पूरे देश में फैल जाएगाः राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि किसानों के साथ बहुत बुरा हो रहा है। सरकार समस्याओं का हल निकलाने की बजाय किसानों को धमका रही और पीट रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों से बात करने की जरूरत है। वर्ना ऐसे में यह आंदोलन देश के शहर-शहर, गांव-गांव फैल जाएगा।

फोटोः @INCIndia
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नवजीवन डेस्क

केंद्र के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ दो महीने से अधिक समय से जारी किसान आंदोलन को लेकर दो दिनों से जारी हलचल के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज किसानों के समर्थन में एक प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने एक बार किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए किसानों के साथ व्यवहार को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। तीनों विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर सरकार ने इन कानूनों को वापस नहीं लिया तो किसानों का यह आंदोलन शहरों से गांवों तक पहुंच जाएगा।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि किसानों के साथ बहुत बुरा हो रहा है। किसानों को पीटा जा रहा है। इस समय सरकार को किसानों से बात करने की जरूरत है। मुद्दे का हल निकलाने के बजाय सरकार किसानों को धमका रही है, उन्हें पीट रही है। सरकार बॉर्डर पर जो किसानों को मार रही है, वह बिल्कुल गलत है। सरकर अगर ध्यान नहीं देगी तो यह आंदोलन और बढ़ता चला जाएगा। यह आंदोलन धीरे-धीरे शहरों में फैलता जाएगा। ऐस में जरूरत है कि सरकार किसानों से बात कर उनके मुद्दे का हल जल्द से जल्द निकाले।

गणतंत्र दिवस के दिन किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ किसानों के लाल किला में जाने पर पूछे गए एक सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि यह सवाल गृह मंत्री से पूछिए कि लाल किले पर प्रदर्शनकारियों को किसने जाने दिया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कुछ लोग गलत हों। जो लोग गलत हैं, उनके खिलाफ आप कार्रवाई कीजिए। लेकिन लाखों किसान जो कृषि कानूनों के खिलाफ सड़क पर हैं, उनसे सरकार को बात करनी चाहिए।

राहुल गांधी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि किसानों के आंदोलन के संबंध में क्या हो रहा है। यह जरूरी है कि आप समझें कि यह तीनों कृषि कानून क्या कहते हैं। पहला कानून मंडी व्यवस्था को बर्बाद करता है। दूसरा कानून अनाज को अपने हिसाब से स्टॉक करने की इजाजत देता है। और तीसरा कानून यह कहता है कि अगर किसानों को कोई परेशानी होती है, तो भी वह कोर्ट नहीं जा सकते हैं। इससे साफ है कि किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं।

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