'आर्थिक सुधार के मोदी सरकार के दावों के बावजूद देश में नहीं बढ़ रहा निवेश, बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी जारी'
सीपीआईएम ने कहा कि साल-दर-साल के आंकड़े बताते हैं कि मैन्युफैक्च रिंग आउटपुट में 5.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। 22 अक्टूबर को औद्योगिक उत्पादन में 4 फीसदी की तेजी से कमी आई जोकि 2 साल से अधिक समय में सबसे कम है।
लेफ्ट ने केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। सीपीआईएम ने कहा आर्थिक सुधार के सरकार द्वारा किए गए सभी प्रचार और दावों के बावजूद, देश की उत्पादक क्षमताओं को बढ़ाने लिए निवेश नहीं बढ़ रहा है।
सीपीआईएम के अनुसार साल-दर-साल के आंकड़े बताते हैं कि मैन्युफैक्च रिंग आउटपुट में गंभीर गिरावट आई है। भारत में उत्पादक क्षमताओं को बढ़ाने लिए निवेश नहीं बढ़ रहा है।
सीएमआईई अपने आधिकारिक ट्वीट हैंडल पर कहा कि इसके बिना न तो रोजगार सृजित होगा। न ही लोगों के पास कुछ खरीदने के लिए पैसे होंगे। शहरी बेरोजगारी 10.09 फीसदी जबकि ग्रामीण इलाकों में 7.44 प्रतिशत है।
पार्टी के अनुसार औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक अक्टूबर में 129.6 पर रहा, जो सितंबर 2021 के बाद सबसे निचला स्तर है।
सीपीआईएम ने कहा कि साल-दर-साल के आंकड़े बताते हैं कि मैन्युफैक्च रिंग आउटपुट में 5.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। 22 अक्टूबर को औद्योगिक उत्पादन में 4 फीसदी की तेजी से कमी आई जोकि 2 साल से अधिक समय में सबसे कम है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के डेटा का हवाला देते हुए पार्टी ने कहा बेरोजगारी दर का हाल ये है कि नवंबर के मुकाबले दिसम्बर तक ही तीन फीसदी का उछाल आ गया। बेरोजगारी दर में वृद्धि जारी है।
सीएमआईई ने सोमवार को जारी अपने बेरोजगारी दर के आंकड़ों में हरियाणा को दिसंबर के महीने में बेरोजगारी की उच्चतम दर 37.4 प्रतिशत, इसके बाद राजस्थान में 28.5 प्रतिशत, दिल्ली में 20.8 प्रतिशत दिखाया है।
देश में बेरोजगारों की संख्या 5 करोड़ को छू रही है। व्यापार मानक के हिसाब से दिसंबर 2022 में बेरोजगारी दर 16 महीने के उच्चतम स्तर 8.30 प्रतिशत पर पहुंच गई। देश की अर्थव्यवस्था धराशायी हो गई है।
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