दिल्ली हिंसा पर कपिल मिश्रा से सवाल पूछने पर महिला पत्रकार से मारपीट, कपड़े फाड़ने की कोशिश! देखें वीडियो

भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा के भड़काउ भाषण को दिल्ली हिंसा की वजह माना जा रहा है। विपक्षी दलों के साथ-साथ उनके पार्टी के नेता भी कपिल मिश्रा पर सवाल उठा चुके हैं। खुद को सवालों में घिरता देख गुरुवार को कपिल मिंश्रा शांति मार्च निकालने जंतर-मंतर पहुंच गए।

फोटो: वीडियो ग्रैब
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नवजीवन डेस्क

भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा के भड़काउ भाषण को दिल्ली हिंसा की वजह माना जा रहा है। विपक्षी दलों के साथ-साथ उनके पार्टी के नेता भी कपिल मिश्रा पर सवाल उठा चुके हैं। खुद को सवालों में घिरता देख गुरुवार को कपिल मिंश्रा शांति मार्च निकालने जंतर-मंतर पहुंच गए। वहीं जब कपिल मिश्रा से दिल्ली दंगों को लेकर सवाल पूछा गया तो वो मौन साध गए। उनसे जवाब नहीं दिया गया। जिसके बाद अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ की महिला पत्रकार के साथ मारपीट और बदसलूकी की गई, क्‍योंकि उन्‍होंने मिश्रा से सवाल पूछा था, जिसका जवाब देने के लिए वह तैयार नहीं थे।

दरअसल दिल्ली के उत्‍तर-पूर्वी इलाके में भड़की हिंसा में बार-बार नाम आने के बाद खुद को पाकसाफ बतान के लिए कपिल मिश्रा 'शांति रैली' का आयोजन किया, जिसमें पत्रकारों को भी बुलाया गया। इसी दौरान एक महिला पत्रकार ने कुछ सवाल किए। जिसका जवाब कपिल मिश्रा नहीं दे पार रहे थे। पत्रकार ने कपिल मिश्रा से पूछा, “पहले आप चेतावनी दे रहो हो और फिर शांति मार्च, इसका क्या मतलब है सर?” इस सवाल का कपिल मिश्रा कोई जवाब नहीं दे पाए। पत्रकार उनसे बार बार यही सवाल दोहराती रही लेकिन वो कुछ नहीं बोले।


इसी दौरान टाइम्‍स नाउ की पत्रकार ने जब बार-बार बीजेपी नेता की ओर सवाल दागे तो उनकी एक समर्थक पत्रकार पर हमलावर कर दिया। कपिल मिश्रा की समर्थक ने पत्रकार के साथ धक्कामुक्की शुरू कर दी।इस दौरान रिपोर्टर यह दलील देती रहीं कि जब उन्‍हें यहां बुलाया गया है तो सवाल क्‍यों नहीं पूछने दिया जा रहा और वह सवालों के उत्‍तर आखिर क्‍यों नहीं दे रहे। उनके बार-बार जोर देने के बीच एक युवती वहां से उठी और उसने टाइम्‍स नाउ की पत्रकार के साथ धक्‍का-मुक्‍की शुरू कर दी। बाद में वहां मौजूद लोगों के बीच बचाव किया।

बता दें कि दो दिन पहले ही कपिल मिश्रा जाफराबाद में चल रही हिंसा को लेकर बयान दिया था जिसमें उन्‍होंने कहा था कि यह सड़क बंद कर प्रदर्शन गलत है। इस तरह सड़क बंद करने से 35 लाख लोग घरों में कैद हो गए हैं।

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Published: 27 Feb 2020, 7:33 PM